देश में रिकॉर्ड स्तर पर पहुँची बेरोजगारी:सीएमआईई की एक रिपोर्ट


BY-THE FIRE TEAM


प्राप्त जानकारी के मुताबिक सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के हवाले से पता चला है कि इस वर्ष भारत में बेरोजगारी अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच कर पुराने सारे रिकॉर्डों को तोड़ दिया है.

अगर देखा जाये तो इस अक्टूबर माह में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय स्तर पर 8. 5 प्रतिशत हो चुकी है जो विगत तीन वर्षों में सबसे ज्यादा है. किन्तु मंदी की वजह से

उसके प्रभाव को महसूस नहीं किया जा रहा है, इसी का परिणाम है कि जहाँ देखो देश में बेरोजगारों की फ़ौज खड़ी होती जा रही है.

बेरोजगारी को आधार बनाकर जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी तथा पंजाब सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी आदि ने 15 से 29 वर्ष के युवाओं को मिलने वाले रोजगार पर अध्ययन किया तथा अपने रिसर्च में पाया कि

इस आयु वर्ग में 2004-2005 के बीच 8.9 मिलियन यानि लगभग 89 लाख युवा बेरोजगार थे वहीँ 2011-12 में इनकी संख्या बढ़कर 90 लाख हो गई.

चिंता का विषय यह है कि यही आँकड़ा 2017-18 में 2.5 करोड़ पर पहुँच गया. सबसे सोचनीय उत्तर-प्रदेश राज्य है जो बेरोजगारी में एक नंबर पर चल रहा है, जहाँ अकेले 30 लाख युवा

बेरोजगारी का शिकार हैं. हालाँकि शिक्षा की दर में वृद्धि हुई है किन्तु शिक्षित अभ्यर्थियों की तुलना में रोजगार का सृजन नहीं हो पा रहा है.

आज जब देश में दो नशा- धर्म का नशा और जाति दम्भ का नशा लोगों के सिर चढ़ कर बोल रहा है ऐसे में यह डेटा एक जिम्मेदार और जागरूक नागरिक होने की हैसियत से हमें खुद से प्रश्न पूछने पर विवश कर देता है.

 

 

 

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