लोकतांत्रिक सरकार का लोकशाही रवैये पर आमादा होना अंग्रेजी क्रूर शासकों की तरह: तीसरी आंख

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग में विगत दशकों से प्रत्येक वर्ष अरबों, खरबों रुपए के भ्रष्टाचार के व्यापार के विरुद्ध

‘तीसरी आंख मानवाधिकार संगठन’ द्वारा गत 321 दिनों से चलाए जा रहे सत्याग्रह संकल्प पर शासकीय उदासीनता

वर्तमान शासकीय तंत्र के भ्रष्टाचार मुक्त, सुरक्षा और विकास के वादे, नारे को कलंकित करती नजर आ रही है.

इसमें शासकीय तंत्र में बैठे व्यवस्था के पोषकों की बराबर की भागीदारी नजर आ रही है. ऐसे में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि

शासकीय तंत्र का संपूर्ण संचालन भ्रष्ट अभियंताओं के कारगुजारी पर निर्भर है जिसके परिणाम स्वरूप लोकतंत्र में संवैधानिक अधिकारों पर गंभीर खतरा उत्पन्न होता नजर आ रहा है.

इसका जीता जागता उदाहरण है कि जनहित के मुद्दों पर लोकतांत्रिक अधिकारों के अनुरूप संगठन द्वारा किए जा रहे सत्याग्रह संकल्प से बेखबर व्यवस्था के पोषकों की कार्यशैली से किया जा सकता है.

ऐसे में वर्तमान सरकार की कार्यशैली से सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोकतांत्रिक सरकार लोकशाही रवैये पर आमादा है जो अंग्रेजी क्रूर शासकों की भांति है.

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित संगठन के संस्थापक महासचिव शैलेंद्र कुमार मिश्रा, अनूप शुक्ला, अशोक तिवारी दिवानी बार गोरखपुर,

योगेन्द्र कुमार मिश्रा एडवोकेट महामंत्री जिला कलक्ट्रेट बार एसोसिएशन, रमाकांत पांडे उर्फ राजू प्रदेश कार्यसमिति सदस्य उत्तर प्रदेश ठेकेदार संघ,

नदीम, अजीज, विरेन्द्र राय, जिला मंत्री रामचन्दर दूबे, जिला संयोजक राजमंगल गौर, जिला मीडिया प्रभारी शशी कांत, नानू अंसारी, इत्यादि भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे.

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