बिहार में NDA सरकार के गिरने में सिर्फ कुछ समय शेष, राजनीतिक गलियारों में शुरू हुई चर्चा

बिहार में आरसीपी प्रकरण के बाद एनडीए के दोनों प्रमुख पार्टियों भाजपा और जदयू के बीच तल्खियां बढ़ी हैं, उसके बाद अब मौजूदा गठबंधनवाली सरकार को लेकर कई तरह के कयास लगने शुरू हो गए हैं.

जिस तरह से नीतीश कुमार भाजपा से दूरी बनाने की कोशिश कर रहे हैं, उसके बाद यह चर्चा शुरू हो गई है कि अब जदयू भाजपा से रिश्ता तोड़कर

फिर से राजद के साथ सरकार बनाने की तैयारी कर रही है. जदयू अध्यक्ष भी जिस तरह से भाजपा के खिलाफ खुलकर बोल रहे हैं, उसके बाद इस चर्चा को और जोर मिल गया है.

11 अगस्त तक गिर जाएगी सरकार:

बिहार में जिस तरह के राजनीतिक हालात बन रहे हैं, उसके बाद माना जा रहा है कि आगामी 11 अगस्त तक एनडीए सरकार गिर जाएगी और नीतीश आरजेडी के साथ मिलकर फिर से सरकार बनाएंगे?

नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक-दूसरे के संपर्क में हैं और जिस तरह दोनों पार्टियों के प्रवक्ताओं को यह निर्देश दिया गया है कि वह एक दूसरे के खिलाफ किसी प्रकार की बयानबाजी नहीं करें, इससे इन संभावनाओं को और बल मिल गया है.

नीतीश कुमार भी भाजपा से बढ़ा रहे हैं दूरी:

पिछले 1 महीने के घटनाक्रम पर नजर डालें तो ऐसा साफ लगता है कि नीतीश और बीजेपी के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. महीनेभर में ऐसा 4 बार हुआ है, जब नीतीश कुमार ने बीजेपी से कन्नी काटी है.

सबसे पहले 17 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में तिरंगे को लेकर देश के सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई गई थी, मगर नीतीश कुमार इस बैठक में शामिल नहीं हुए.

उसके बाद 22 जुलाई को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के विदाई भोज में भी नीतीश कुमार को आमंत्रित किया गया था, मगर वे उस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए.

25 जुलाई को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में भी नीतीश कुमार को आमंत्रित किया गया था, मगर वे नहीं गए.

7 अगस्त यानी आज भी नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक में शामिल होने के लिए बुलाया गया था मगर वह इस बैठक में शामिल नहीं हुए.

आरसीपी प्रकरण ने आग में घी का किया काम:

पूर्व केंद्रीय मंत्री और जनता दल यूनाइटेड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह को शनिवार को जिस तरीके से अकूत संपत्ति अर्जित करने के मामले को लेकर पार्टी के तरफ से स्पष्टीकरण मांगा गया था, उसके बाद आरसीपी ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता तक से इस्तीफा दे दिया.

ललन सिंह ने सीधा आरोप लगा दिया:

रविवार को जनता दल यूनाइटेड राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि “कुछ लोग बिहार में एक बार फिर से 2020 के चिराग पासवान मॉडल इस्तेमाल करना चाहते थे, मगर नीतीश कुमार ने इस षड्यंत्र को पकड़ लिया.

आरसीपी सिंह का तन भले ही जनता दल यूनाइटेड में था, मगर उनका मन कहीं और था.” माना जा रहा है कि उनका इशारा बीजेपी की तरफ था.

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