बिलकिस बानो कांड: 134 पूर्व नौकरशाहों ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को लिखा ख़त, किया भूल सुधारने की मांग

देश में बहुचर्चित बिलकिस बानो बलात्कार कांड दिनोंदिन सुर्खियां बनता जा रहा है. कारण यह है कि रेप केस के 11 आरोपियों को उस समय छोड़ दिया गया,

जब देश आजादी की 75 वीं वर्षगांठ मना रहे थे इस फैसले से देश के अधिकांश लोगों की तरह 134 पूर्व लोक सेवक भी स्तब्ध रह गये हैं.

शायद यही वजह है कि पूर्व अधिकारियों ने गुजरात सरकार द्वारा दोषियों की छूट के आदेश को रद्द करने तथा हत्या करने वाले दोषियों को आजीवन कारावास की सजा काटने के लिए वापस जेल भेजने की मांग किया है.

इस बहुचर्चित पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में दिल्ली के पूर्व उप राज्यपाल नजीब जंग, पूर्व कैबिनेट सचिव के एम चंद्रशेखर, पूर्व विदेश सचिव शिव शंकर मेनन, सुजाता सिंह तथा पूर्व गृह सचिव जी के पिल्लई भी शामिल हैं.

आपको याद दिला दें कि 2002 में गोधरा कांड के बाद भड़की हिंसा का शिकार बिलकिस बानो को बनाया गया. इसमें आतताईयों ने पांच माह की गर्भवती बिल्किस बानो के साथ बलात्कार किया बल्कि उसके तीन वर्ष की बेटी सहित परिवार के 7 सदस्यों की हत्या भी कर दिया.

पूरे मामले में मुंबई की विशेष सीबीआई अदालत में जनवरी 2008 में सभी 11 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी जिसे बंबई उच्च न्यायालय ने भी जारी रखा.

किंतु 9 जुलाई, 1992 की माफी नीति के तहत गुजरात सरकार ने इन दोषियों को छोड़ दिया है जिसके विरुद्ध देश में अलग अलग ढंग से बहिष्कार किया जा रहा है.

Leave a Comment

Translate »
error: Content is protected !!