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नोएडा: उत्तर प्रदेश के नोएडा में सेक्टर 93 ए स्थित ‘सुपरटेक ट्विन टॉवर्स’ को आज ध्वस्त कर दिया जाएगा.

इन दोनों ही इमारतों में कुल 850 फ्लैट्स हैं यद्यपि टावर को नष्ट करने से पहले किसी भी प्रतिकूल परिस्थिति से बचने के लिए काफी सतर्कता अपनाई जा रही है.

जैसे- ट्विन टावर से सटे 6 सोसाइटी के लोगों को विध्वंस की प्रक्रिया के दौरान छतों पर जाने की मनाही है,

विस्फोटक वाले जगह के ऊपर एक समुद्री मिल के दायरे में उड़ानों को कुछ समय के लिए बंद कर दिया जाएगा,

दमकल की गाड़ियां धूल को नियंत्रित करने के लिए पानी का छिड़काव करेंगी, किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए स्टैंडबाय मोड में

एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है, मीडिया कर्मियों को भी निर्धारित क्षेत्रों से ही कार्यक्रम को कवर करने की सलाह दी गई है.

जानकारों का ऐसा अनुमान है कि दोनों टॉवर्स को डिमोलिश करने में महज 9 मिनट का वक्त लगेगा जबकि दोपहर के 2:30 बजे के बाद बिल्डिंग के मलबे को हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

सुपरटेक ट्विन टावर को क्यों नष्ट किया जा रहा है?

40 मंजिला ट्विन टावर का निर्माण 2009 में हुआ था किंतु बाद में इसमें बुक कराने वाले लोगों ने बिल्डरों पर आरोप लगाया कि इन्होंने वादे के मुताबिक बिल्डिंग का निर्माण नहीं किया है.

उसके बाद वर्ष 2012 में यही खरीददार इलाहाबाद हाईकोर्ट चले गए जिसकी वजह से साल 2014 में नोएडा प्राधिकरण को

जोरदार फटकार लगाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्विन टावर को अवैध घोषित कर दिया जिसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश जारी करके इसे नष्ट करने का निर्देश दिया है. 

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