सोनिया गांधी राजनीति से लेंगी संन्यास, रायबरेली का ताज किसके सिर बंधेगा?

मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के 85वां महा अधिवेशन में सोनिया गांधी ने बतौर पार्टी अध्यक्ष 20 वर्षों के कार्यकाल तथा वर्ष 2004 में

प्रधानमंत्री पद के त्याग को जब एक भावनात्मक शार्ट फिल्म द्वारा कांग्रेस सदस्यों को दिखाया गया तो माहौल कुछ और ही था.

अपने भाषण के अंत में सोनिया गांधी ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा मेरे लिए सुखद एहसास दे गया और यह मेरी पारी का अंत हो सकता है.

सोनिया जी के इस बयान को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई अर्थ लगाया जा रहे हैं. प्रथम तो यह कि इस अधिवेशन में सोनिया गांधी अपने अध्यक्ष पद के अंत का जिक्र कर रही थीं

तो वहीं दूसरी ओर वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से जुड़ करके भी देखा जा रहा है क्योंकि अब शायद सोनिया गांधी चुनाव नहीं लड़ेंगी.

ऐसे में अब यह अटकलें तेज हो गई हैं कि रायबरेली से लोकसभा प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस पार्टी से कौन सा चेहरा सामने आएगा.?

कुछ लोगों ने प्रियंका गांधी वाड्रा को मैदान में उतरने का विकल्प सुझाया है तो वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी का भी उत्तर प्रदेश लौटने की संभावना नजर आ रही है फिलहाल राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद हैं.

हालांकि सोनिया गांधी का राजनीति से संन्यास लेना इतना आसान नहीं दिख रहा है क्योंकि अभी भी वह संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष हैं

तथा 2024 के लोकसभा चुनाव करीब होने के कारण ममता बनर्जी जैसे विपक्षी नेताओं से गठबंधन को लेकर बातचीत की जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर है.

इसके अलावा कांग्रेस कार्य समिति कि वह स्थाई सदस्य भी हैं जिसका अर्थ यह है कि पार्टी पर उनकी पकड़ अभी भी बनी रहेगी.

फिर भी भारत जोड़ो यात्रा से राहुल गांधी की छवि कांग्रेसियों के लिए अच्छा संकेत है क्योंकि यह उनके नेतृत्व को और मजबूत बनाकर सामने लाया है.

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