कुशीनगर: फिलिस्तीन गाजा में मारे जा रहे निर्दोष तथा मासूम बच्चों को लेकर पूर्वाञ्चल गांधी डॉ सम्पूर्णानन्द मल्ल दुखी होकर एलान किया है कि
दीपावली के इस पर्व पर मुझे कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा है. 14 नवंबर यानि बाल दिवस के दिन मै बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर “शांति सत्याग्रह” करूंगा.
आज लोग एक दूसरे को दिवाली की बधाइयां भेज रहे हैं, मुझे भी बहुत सारे मित्रों परिचित रिश्तेदारों ने बधाई संदेश भेजा है.
परंतु मेरे भीतर कोई उमंग नहीँ, मानो हमारे बच्चे मारे जा रहे हैं. हमारी खुशी किसी ने छीन ली हो. मेरे भीतर एक ही सवाल गूंज रहा है कि फिलीस्तीन गाजा में मारे जा रहे बच्चों को कैसे बचाया जाए?
बच्चे खाना, पानी, शेल्टर मांग रहे हैं, रो रहे हैं. बच्चे हमारे हैं क्योंकि उनके शरीर पर किसी व्यक्ति या देश का नाम अंकित नहीं है.
जिनके पास बच्चे हैं, जिनके पास बच्चे नहीं है परंतु वे भी बचपन एवं बालपन से युवा एवं प्रौढ़ हुए हैं. इन्होंने आह्वान किया है कि क्या लोग बच्चों के
जीवन की हिफाजत के लिए 14 नवंबर को 11:00 से लेकर 15 नवंबर 4:00 बजे सायं के बीच क्षण भर का समय निकालकर सत्य, अहिंसा एवं शांति के मसीहा बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थल कुशीनगर पहुँचें.
डॉ मल्ल ने एक शांति सत्याग्रह रजिस्टर बनाया है. समर्थन में आए हुए लोग ‘शांति’ के लिए दो शब्द लिखेंगे. इस रजिस्टर को मण्डलआयुक्त गोरखपुर द्वारा
महामहिमा राष्ट्रपति को प्रेषित किया जाएगा तथा पीस एक्सपीडिशन के माध्यम से इजराइल फिलिस्तीन UNO को भेज कर संदेश दिया जाएगा ताकि युद्ध रुक सके.
इन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि युद्ध गलत हो रहा है या सही, मेरा विषय नहीं है. मैं हर किसी से पूछना चाहता हूं आतंकवाद समाप्त करने की कार्रवाई में बच्चे क्यों मारे जा रहे हैं?
दोषी पिता के लिए बच्चों की हत्या क्यों? आखिर बच्चों की जान की कीमत पर आतंकवाद का अंत क्यों? बच्चे तो आतंकवादी है नहीं…
UNO के 193 सदस्य देशों में बहूतों के पास परमाणु हथियार है. परंतु ‘सत्य’, ‘अहिंसा’ एवं ‘शांति का हथियार’ तो बुद्ध एवं गांधी के इस महान मुल्क के पास है.
इसलिए अहिंसा एवं शांति के उच्च स्थल कुशीनगर से युद्ध को रोका जाए, ऐसी मेरी इच्छा है. इस संबंध में गोरखपुर के आयुक्त, एडीजी, डीएम,
एसएसपी, एसपी सिटी सहित सभी अधिकारियों से जिनके बच्चे हैं या जो बचपन से युवा एवं प्रौढ हुए हैँ, कुशीनगर पहुंचकर शांति रजिस्टर में अपना नाम दर्ज करके शांति की अपील करने का निवेदन किया है.
शांति रजिस्टर के साथ बुद्ध की प्रतिमा एवं स्तूप के पास की मिट्टी भी UNO को भेजी जाएगी. बता दें कि जिस नगर में पूर्वाञ्चल गांधी रहते हैं, यह योगी गोरख की नगरी है.
जिस नगर में यह शांति सत्याग्रह करेंगे वह प्राचीनतम नगरों में से एक है जो “पृथ्वी से पयोधि” तक सत्य, अहिंसा एवं शांति के लिए जानी जाती है.