फ़ैज़ाबाद का नाम अब अयोध्या किया आदित्यनाथ ने


BY-THE FIRE TEAM


इलाहाबाद का नाम प्रयागराज रखने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने फ़ैज़ाबाद ज़िले का नाम ‘श्री अयोध्या’ रख दिया है. इसकी घोषणा राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के राम कथा पार्क में चल रहे दीपोत्सव के मौक़े पर किया.

अब तक अयोध्या इसी ज़िले का हिस्सा हुआ करता था, लेकिन अब पूरे ज़िले को अयोध्या के नाम से जाना जाएगा. हिंदू धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इसी शहर में मर्यादा पुरुषोत्तम राम का जन्म हुआ था.

अयोध्या भारत का एक धार्मिक नगर रहा है और यह हिंदुओं का एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल रहा है. अब तक फ़ैजाबाद ज़िले का हिस्सा रहे अयोध्या की आबादी 2011 की जनगणना के मुताबिक 55 हज़ार से ज्यादा है.

यह शहर मुख्यतः 10 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, और मूल रूप से हिंदू, जैन और बौद्ध धर्म के मंदिरों के लिए जाना जाता रहा है.

आपको बताते चलें कि रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के चलते 1992 के बाद से अयोध्या राजनीतिक गहमागहमी का  केंद्र रहा है.

विजयादशमी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने सरकार से कहा था कि वो अध्यादेश लाकर अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कराए. बीजेपी के कई नेता भी इस तरह के बयान दे चुके हैं. हालाँकि यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है.

इस साल अयोध्या में मनाई जा रही दीपावली के मौके पर दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन की पत्नी किम जोंग-सूक आमंत्रित मेहमान हैं तथा इनके स्वागत में कई कार्यक्रम रखे गए हैं.

इस साल राज्य सरकार की ओर से सरयू नदी के तट पर करीब तीन लाख से ज़्यादा दीप जलाने का लक्ष्य रखा गया है.

फ़ैज़ाबाद से जुड़े तथ्य :

फ़ैज़ाबाद भारतवर्ष के उत्तरी राज्य उत्तर प्रदेश का एक नगर है. भगवान राम, राममनोहर लोहिया, कुंवर नारायण, राम प्रकाश द्विवेदी आदि की यह जन्मभूमि है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 6 नवम्बर 2018 को छोटी दीपावली के दिन इस स्थान का नाम बदल कर अयोध्या कर दिया.

फैजाबाद का इतिहास अत्यन्त गौरवपूर्ण एवं समृद्ध है. यह प्रभु श्रीराम की जन्म एवं कर्मस्थली के रूप में लोकप्रिय है. राम-भरत मिलाप के पश्चात भरत खड़ाऊँ लेकर फैजाबाद मुख्यालय से 15 किमी॰ दक्षिण स्थित भरतकुण्ड नामक स्थान पर चौदह वर्ष तक रहे.

यहाँ पतित पावनी माँ सरयू नदी रूप में अवतरित होकर सदियोँ से मानव कल्याण करती है. फ़ैज़ाबाद की स्थापना अवध के पहले नवाब सादत अली ख़ाँ ने 1730 में की थी और उन्होंने इसे अपनी राजधानी बनाया.

लेकिन वह यहाँ बहुत कम समय व्यतीत कर पाए हालाँकि तीसरे नवाब शुजाउद्दौला यहाँ रहते थे. और उन्होंने नदी के तट 1764 में एक दुर्ग का निर्माण करवाया था; उनका और उनकी बेगम का मक़बरा इसी शहर में स्थित है.

1775 में अवध की राजधानी को लखनऊ ले जाया गयाऔर 19वीं शताब्दी में फ़ैज़ाबाद का पतन हो गया.

 

 

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