ताजा जानकारी के मुताबिक देश के कुछ हिस्सों में विरोध प्रदर्शन करने के कारण प्रशासन के द्वारा मकानों को गिराए जाने,
अग्नि वीरों के लिए अर्धसैनिक बलों में नौकरी में आरक्षण देने और पुलिस की गोलीबारी जैसे अहम मुद्दों को संसद के मानसून सत्र में उठाए जाने के कयास लगाए जा रहे हैं.
इस विषय में केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा संभावित प्रश्नों की सूची सौंपी गई है जिसमें कश्मीर घाटी में प्रवासियों और कश्मीरी पंडितों पर किए गए हमले,
सूचना का अधिकार कार्यकर्ताओं की सुरक्षा 2021 की जनगणना की स्थिति तथा विधि विरुद्ध क्रियाकलापों के तहत दर्ज मामलों को गंभीरता से चर्चा का विषय बनाया जाए आने की उम्मीद है.
मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त कई राज्यों में ऐसी घटनाएं घटित हुई हैं जिनमें कथित तौर पर उग्र प्रदर्शन करने वाले
उत्पातियों को सबक सिखाने के लिए उनके अवैध निर्माण तथा अतिक्रमण को बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया गया था.
हालांकि इस प्रशासनिक जल्दबाजी में निर्दोष लोग भी अव्यवस्था का शिकार हुए जैसा कि हम जानते हैं केंद्र सरकार ने
17 से 21 वर्ष तक के युवाओं को सेना में भारतीय के लिए अग्निपथ योजना लाने की घोषणा किया था जिसका भारी विरोध हुआ
क्योंकि भर्ती किए जाने वाले सैनिकों का सेवाकाल मात्र 4 वर्षों का ही था इसके अतिरिक्त उन्हें संविदा पर रखे जाने का प्रावधान था.
इस घोषणा के साथ ही देशभर के युवाओं का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने सरकारी संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचाया.
इसके अतिरिक्त समाज में बढ़ रहे धार्मिक कट्टरता बाढ़ और चक्रवातों से हुए नुकसान, अनुसूचित जाति,
जनजाति के लोगों के विरुद्ध अपराध के मामलों में हुई वृद्धि आदि ऐसे अहम मुद्दे हैं, जिन पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा मानसून सत्र में किए जाने की उम्मीद है.