गोरखपुर: मिली जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय से महज कुछ ही दूर स्थित अहमदनगर चकसा हुसैन वार्ड नंबर 64 है, जहां स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ती नजर आ रही हैं.
नगर निगम की लापरवाही के कारण यहां के निवासी न केवल जलभराव तथा बेपनाह गंदगी से जूझ रहे हैं बल्कि गंभीर बीमारियों के संक्रमण का डर भी यहां सदैव व्याप्त रहता है.
दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि लगातार जिम्मेदार व्यक्तियों से शिकायत करने के बाद भी कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो पा रही है. जल निकासी की अवयवस्था की वजह से
सौरभ शिशु विद्या मंदिर और अकबरी जामा मस्जिद का रास्ता सहित हुसैन चौक उच्चवा हाजी मुखिया के घर से लेकर रोजी जनरल स्टोर तक पानी लगा रहता है.
फिर वहां से हाजी हाशिम के दरवाजे से पत्थर वाली मस्जिद जमुनिया बाग तक, वजीउलाह अंसारी के दुकान से अदालत के मकान तक पानी ही पानी लगा है.
शाहिदाबाद रोड, डॉक्टर शफीक वाली रोड इमामबाड़े तक गंदगी से भरी हुई है जबकि अभी तक कोई जनप्रतिनिधि पूछने नहीं आया कि आखिर महीनों से यहाँ झाड़ू क्यों नहीं लग रहा है?
नाली की सफाई क्यों नहीं हो रही है? इसका जवाब देह कौन है? हमारे लोकप्रिय मुख्यमंत्री का सपना ‘स्वच्छ उत्तर प्रदेश, स्वच्छ गोरखपुर,
सबका साथ सबका विकास मुख्यमंत्री महोदय द्वारा इतना इतना पैसा देने के बाद भी प्रश्नचिन्ह के घेरे में आ गया है.
नियमित तौर पर नालियों की सफाई ना होने, मेयर की बेरुखी तथा वार्ड जनप्रतिनिधि की लापरवाही का ही यह नतीजा है कि मुख्यमंत्री का गृह जनपद इस भयावह तस्वीर को दिखा रहा है.
हालांकि मुख्यमंत्री लगातार वित्त की व्यवस्था करके गोरखपुर की छवि बनाने में लगे हुए हैं. यहाँ एम्स की स्थापना से लेकर चिड़ियाघर का निर्माण,
रामगढ ताल का सौंदर्यीकरण तक कराया किन्तु जिम्मेदार लोगों की नियत में खोट होने के कारण मुख्यमंत्री की साख पर बट्टा लगता जा रहा है.
(संरक्षक हिंदू-मुस्लिम एकता कमेटी उत्तर प्रदेश, गोरखपुर शाकिर अली सलमानी की रिपोर्ट)