‘खाकी’ छोड़ ‘खादी’ पहनने वाले असीम अरुण पहले ही राजनीतिक पारी में बने मंत्री

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में पुनः भाजपा सरकार बनाने में सफल रही है. किंतु चुनाव की बात की जाए तो कई नए परिवर्तन देखने को मिले हैं

जिसमें असीम अरुण का राजनीति में आकर पहले ही बार में मंत्री का पद प्राप्त कर लेना खास महत्व रखता है.

दरअसल असीम की गिनती प्रदेश के तेजतर्रार आईपीएस अफसरों में रही है. यह कानपुर के पहले पुलिस कमिश्नर थे,

जिन्होंने लगभग 9 साल की नौकरी और शानदार कैरियर को अलविदा कह कर भाजपा का दामन थाम लिया.

प्रत्याशी के रूप में इन्होंने कन्नौज सदर सीट से अपनी उम्मीदवारी घोषित किया जिसके कारण इस सीट से

समाजवादी पार्टी के तीन बार के विधायक रहे अनिल कुमार दोहरे से सामना हुआ और लड़ाई रोचक बन गई.

दोनों ही प्रत्याशियों में हुए कांटे के मुकाबले में उन्होंने जीत हासिल करने के बाद भाजपा में मंत्री पद संभालने के लिए तैयार हैं.

असीम अरुण से जुड़े तथ्य:

पुलिस की नौकरी छोड़ कर राजनीति के मैदान में नई पारी खेलने वाले असीम अरुण कानपुर के पहले पुलिस कमिश्नर हैं.

यह मूल रूप से कन्नौज के ठठरी क्षेत्र के खैर नगर के निवासी हैं. इनके पिता श्री राम अरुण भी दो बार उत्तर प्रदेश के डीजीपी रहे हैं. कैंसर से पीड़ित होने के कारण लंबी बीमारी के बाद इनका निधन हो गया.

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