अत्याचार, शोषण तथा जातिवाद के विरुद्ध लड़ने वाले महान योध्या ज्योतिबा फुले के स्मृति दिवस पर ‘मुक्तिकामी छात्रों-युवाओं का आह्वान’ पत्रिका की
ओर से और दिशा छात्र संगठन के संयोजन में ‘बेरोज़गारी की समस्या और निदान’ विषय पर आयोजित निबन्ध प्रतियोगिता का परिणाम घोषित किया गया.
इस मौके पर प्रतियोगियों को प्रमाणपत्र और पुरस्कार वितरित किया गया. मुख्य अतिथि के रूप में यहाँ आह्वान पत्रिका के सम्पादक प्रसेन और जनचेतना पुस्तक प्रतिष्ठान की रूबी उपस्थित रहीं.
निबन्ध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान काजल सिंह को मिला जबकि अमन यादव दूसरे और माया तीसरे स्थान पर रहीं.
दिशा छात्र संगठन की अंजलि ने प्रतियोगिता के उद्देश्य पर बात रखते हुए बताया कि ऐसी प्रतियोगिताओं के आयोजन के पीछे मकसद यह है कि
छात्रों-नौजवानों के बीच समाज के असली मुद्दों को रेखांकित किया जाये और आम छात्रों के सामाजिक मुद्दों पर राय साझा किया जा सके.
मुख्य अतिथि प्रसेन ने कहा कि भारत में बेरोज़गारी तेजी से बढ़ रही है. करोड़ों मज़दूर और पढ़े-लिखे नौजवान, जो शरीर और मन से दुरुस्त हैं
और काम करने के लिए तैयार हैं, उन्हें काम के अवसर से वंचित कर दिया गया है और मरने, भीख माँगने या अपराधी बन जाने के लिए सड़कों पर धकेल दिया गया है.
आर्थिक संकट के गहराने के साथ हर दिन बेरोज़गारों की तादाद में बढ़ोत्तरी होती जा रही है. बहुत बड़ी आबादी ऐसे लोगों की है जिन्हें बेरोज़गारी के आँकड़ों में गिना ही नहीं जाता है.
लेकिन वास्तव में उनके पास साल में कुछ दिन ही रोज़गार रहता है या फिर कई तरह के छोटे-मोटे काम करके भी वे मुश्किल से जीने लायक कमा पाते हैं.
हमारे देश में काम करने वालों की कमी नहीं है, प्राकृतिक संसाधन भरपूर हैं, जीवन के हर क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं के विकास और रोज़गार
के अवसर पैदा करने की अनन्त सम्भावनाएँ मौजूद हैं, फिर भी छात्र-नौजवान दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं.
निबंध प्रतियोगिता में शामिल अन्य प्रतिभागियों साक्षी, रोशन, आराधना, शिवांगी, गरिमा, एकता पाल, आरती, निशा आदि शामिल हुईं.