जैसा कि हम सभी इस बात से पूरी तरीके से वाकिफ हैं कि राजनीतिक गलियारों में आरजेडी के नेता तथा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सहित
कई पदों पर कार्य कर चुके लालू प्रसाद यादव अपनी भाषा तथा कार्यशैली के कारण सदैव मीडिया की सुर्खियां बने रहते हैं.
कुछ ऐसा ही काम राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू यादव ने बिहार विधानसभा की 7 सीटों पर होने जा रहे चुनाव को लेकर
प्रत्याशियों के संबंध में जो नामों की घोषणा की है उनमें से एक नाम मुन्नी देवी से सभी को चौंका दिया है.
मुन्नी देवी मूलतः नालंदा की रहने वाली हैं तथा रजक समुदाय से हैं. बिहार की यह राजधानी पटना के खुसरूपुर रेलवे प्लेटफार्म के नीचे कपड़े धोने का काम करके अपना जीवन यापन करती हैं.
चौंकाने वाली बात यह है कि उनका अभी तक न कोई अपना घर है और ना जमीन अभी भी वह वह भाड़े के घर में रहती हैं
तथा दूसरों के कपड़े साफ करके गुजारा चलाते हैं किंतु इतना जरूर है कि मुन्नी देवी आरजेडी की बहुत पुरानी तथा जमीनी कार्यकर्ता रही हैं जो पार्टी में महिला प्रकोष्ठ की महासचिव के रूप में कार्य कर रही थी.
जब एमएलसी उम्मीदवार के रूप में उनके नाम की घोषणा हुई तो उन्हें यकीन ही नहीं हुआ. ऐसे में अपने नाम की पुष्टि हो जाने के पश्चात
वह लालू प्रसाद यादव तथा उनके बेटे तेजस्वी यादव से मिलने के लिए 10 सर्कुलर रोड राबड़ी आवास पहुंची तो उन्हें धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया.
मुन्नी देवी के पास अपना कोई साधन नहीं होने की वजह से तेज प्रताप यादव ने अपनी गाड़ी से उन्हें घर तक छोड़ा.
कपड़ा धोने वाली मुन्नी देवी को अचानक लालू यादव ने एमएलसी प्रत्याशी बना सबको चौंकाया. pic.twitter.com/EKeVhdlIoD
— Shri Dhiraj Sharma (Journalist) (@ShriDhiraj) May 30, 2022
एमएलसी प्रत्याशी मुन्नी देवी ने लालू यादव रावड़ी देवी तथा तेजस्वी का को धन्यवाद देते हुए कहा कि लोग लालू जी पर परिवारवाद करने का आरोप लगाते हैं.
किंतु सच्चाई बिल्कुल अलग है वह परिवारवाद नहीं बल्कि दलितवाद करते हैं. बिहार की जनता आज भी लालू प्रसाद के साथ है.
यदि एमएलसी के रूप में उनका चुनाव होता है तो वह महंगाई और बेरोजगारी के विरूद्ध आवाज उठाने का काम करेंगी.
बातचीत के दौरान मुन्नी देवी ने बताया कि मुझ पर लोग आरजेडी का कार्यकर्ता होने के कारण हंसते थे.
उनका कहना था कि जो खुद घोटाला करके जेल गया हुआ है, तुम्हारा क्या होगा हालांकि इन सब बातों से मैं कभी घबराए नहीं.
लालू जी गरीबों के मसीहा हैं. उन्होंने पहले पत्थर तोड़ने वाली भगवती देवी को विधायक बनाया था और अब मुझ पर भरोसा जताया है.
आपको बता दें कि आरजेडी ने अपने प्रत्याशियों के नाम खोलते समय जातीय सामाजिक समीकरण का पूरा ध्यान रखा है
क्योंकि स्वर्ण दलित प्रथम मुस्लिम तीनों समुदायों के नेताओं को जोड़कर उनके नामों का ऐलान किया है.