देश के छत्तीसगढ़ राज्य में नक्सल प्रभावित बस्तर के जंगलों में मौजूद माओवादियों ने राज्य सरकार से बातचीत करने के लिए सहमति जताई है.
इस विषय में दंडकारण्य स्पेशल जोन कमेटी के प्रवक्ता विकल्प ने प्रेस नोट जारी करते हुए माओवादी संगठनों के द्वारा तय की गई
शर्तों को भूपेश सरकार के समक्ष रखते हुए कहा है कि यदि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल माओवादी संगठनों को खुलेआम कर काम करने का अवसर दें,
माओवादी संगठन ने अपनी शर्तों पर सरकार से वार्ता की पेशकश को किया स्वीकार
बीते दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था माओवादी संविधान को माने और हथियार रख दें सरकार वार्ता के लिए तैयार है। इस बयान पर माओवादियों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है :@ranutiwari_17 pic.twitter.com/SDROIsx24K
— Bastar Talkies (@BastarTalkies) May 6, 2022
बस्तर में हवाई बमबारी को बंद करें, बस्तर के जंगलों से सुरक्षा बलों के कैंप हटा लें तथा ऐसे माओवादी नेता जो
अलग-अलग जेलों में बंद हैं, उन्हें रिहा कर दें तो माओवादी संगठन भी सहयोग करते हुए वार्ता के लिए तैयार हैं.
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीएम भूपेश बघेल ने हिंसा का रास्ता छोड़कर बातचीत करने और संविधान पर आस्था रखने की बात कही थी
किंतु वह अपनी बातों पर खरे नहीं उतरे. माओवादियों को इस बात का बेहद रंज है कि सरकार ने उनके कार्यों को लेकर जनता को दिग्भ्रमित किया तथा सदेव माओवादी संगठनों को बदनाम करने की साजिश रचते रहे.
आपको यह बताते चलें कि ऐसा कोई पहली बार नहीं है जब माओवादियों ने बातचीत करने की बात सामने रखी है.
इसके पूर्व भी सरकार और माओवादियों के बीच सहयोग और सामंजस्य बनाने की बात रखी गई थी किंतु आने वाली अड़चनों के कारण यह वार्ता टूट गई.
अब यह तो आने वाला वक्त ही तय करेगा कि इस बार की वार्ता कितनी सफल और परिणामदायक रहेगी.