- दो करोड़, 82 लाख 65 हजार 952 रुपए का वित्तीय अनियमितता: राम चंद्र दुबे
गोरखपुर: मंडल आयुक्त कार्यालय पर तीसरी आंख मानवाधिकार संगठन द्वारा जीडीए के भ्रष्ट लोक सेवकों और जनहित के मुद्दे पर चल रहे सत्याग्रह संकल्प के 46वें दिन संगठन के संस्थापक
महासचिव शैलेंद्र कुमार मिश्र ने कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि-” जीडीए के भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबने के लिए शासकीय तंत्र द्वारा खुली छूट प्रदान किया गया है
जिसे जान कर आम जनता हैरान व परेशान हो सकती है लेकिन बात सोलह आने सही है. क्योंकि कार्यालय महालेखाकार (आर्थिक एवं राजस्व क्षेत्र लेखा परीक्षा लखनऊ) दिनांकित 26 अगस्त, 2014 के
लेखा परीक्षण रिपोर्ट परीक्षण रिपोर्ट के अनुसार 2 मार्च, 2013 से 5 जुलाई 2014 तक कार्यरत उपाध्यक्ष एवं अन्य आरोपी लोक सेवकों द्वारा अपने पद एवं अधिकारों का दुरुपयोग कर किए गए.
वित्तीय अनियमितता एवं आर्थिक अपराध के परिणाम स्वरूप विकास प्राधिकरण गोरखपुर के हुए आर्थिक क्षति दो करोड़ 82, लाख 65 हजार, 952 रुपए से किया जा सकता है.
उक्त आर्थिक अपराध पर शासकीय प्रशासकीय तंत्र द्वारा जीडीए को पारितोषिक के रूप में 2014 से वर्तमान समय तक महालेखा परीक्षक के परीक्षण से ही मुक्त कर दिया गया.
अब यह आम नागरिकों को सरलता से समझ में आ रहा है कि लेखा परीक्षण रिपोर्ट से इसलिए मुक्त किया गया है ताकि भ्रष्टाचार में पारंगत लोकसेवक वित्तीय अनियमितता व आर्थिक अपराध के माध्यम से भ्रष्टाचार के नित्य नए कीर्तिमान को स्थापित कर सकें और जन सामान्य को इसका आभास न हो सके.
शायद यही कारण है कि जीडीए के वर्तमान अध्यक्ष द्वारा गठित जांच समिति ने अधोहस्ताक्षरी के समक्ष जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने में अपने को अक्षम महसूस कर रही है,
फिर तो जनहित के मुद्दे पर चल रहे क्रमिक धरने को उपेक्षा का शिकार होना लाजमी है. अब देखना है कि जनहित के मुद्दे पर चल रहे क्रमिक धरने को सफलता प्राप्त होती है या संगठित भ्रष्टाचारियों को विजय श्री.
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित संगठन के संरक्षक डा. पी.एन. भट्ट, डॉक्टर सत्य प्रकाश पाठक पूर्व उपाध्यक्ष गोरखपुर दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय,
वरिष्ठ कार्यकर्ता जियाउद्दीन अन्सारी, वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश शुक्ला, कमिश्नरी बार गोरखपुर इत्यादि भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे.