BY-THE FIRE TEAM
पिछले वर्ष की तुलना में इस बार भारत ने विश्व बैंक की ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ रैंकिंग में २३ अंकों का सुधार किया है. इसे भारत के लिए लंबी छलांग माना जा रहा है.
आपको बताते चलें कि साल 2017 में भारत 100वें स्थान पर था जबकि बुधवार को उसे 77वां स्थान हासिल हुआ. विशेषज्ञों की मानें तो कारोबार करने के मामले में भारत की रैंकिंग में सुधार से कई क्षेत्रों में लाभ होगा.
India ranks at 77 in the World Bank's 'Ease of doing business' index. India has recorded a jump of 23 positions against its rank of 100 in 2017. pic.twitter.com/m8Eo5g9Pdp
— ANI (@ANI) October 31, 2018
क्या है ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स ?
इस इंडेक्स को विश्व बैंक जारी करता है. इसमें कई अलग-अलग पैरामीटर रखे जाते हैं. सभी पैरामीटर को मिलाकर यह देखा जाता है कि कारोबार करने में लोगों को कितनी आसानी है. यह भी देखा जाता है कि कारोबार करने में किस प्रकार की अड़चनें आती हैं.?
फ़ैसले का आधार :
अलग-अलग देशों में कारोबार की सुगमता के आधार पर यह इंडेक्स तैयार होता है. रेग्युलेशन की स्थिति प्रमुखता से देखी जाती है. सरकारी रेग्युलेशन के चलते कारोबार आसान हुआ है या मुश्किल, इस पर गंभीरता से विचार किया जाता है.
और भी कई फैक्टर हैं जिनको ध्यान में रखते हुए यह इंडेक्स तैयार होता है. इनमें प्रमुख हैं-कंस्ट्रक्शन परमिट, रजिस्ट्रेशन, लोन और टैक्स पेमेंट की मशीनरी. इन्हीं आधारों को ध्यान में रखकर देशों को इज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स में स्थान जारी किया जाता है.
वित्त मंत्री ने की तारीफ़ :
इंडेक्स की स्थिति पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जब पीएम मोदी सत्ता में आए थे, तो उन्होंने कहा था कि हमको इस इंडेक्स में 50 पायदान पर आना है.
हम इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. साल 2014 में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स में भारत 142 और साल 2017 में 100वें पायदान था. अब इस इंडेक्स में भारत 77वें पायदान पर पहुंचा गया है.
उन्होंने कहा कि कंस्ट्रक्शन परमिट के क्षेत्र में 129 अंकों का सुधार हुआ है, जबकि ‘ट्रेडिंग अक्रॉस बॉर्डर्स’ में 66 अंक, ‘स्टार्टिंग अ बिजनेस’ में 19 अंक, ‘गेटिंग क्रेडिट’ में 7 समेत अन्य क्षेत्र में सुधार हुआ है.
निश्चित तौर पर यह देश की आर्थिक स्थिति को गति देने में सहायक सिद्ध होगा.