BY-THE FIRE TEAM
प्राप्त जानकारी के मुताबिक़ सऊदी अरब .ने पत्रकार जमाल खशोगी के मारे जाने की पुष्टि कर दी है. समाचार एजेंसी AFP ने राज्य की मीडिया के हवाले से यह जानकारी दी है. सऊदी अरब ने इस बात की पुष्टि की है कि खशोगी, इस्तांबुल कॉन्सुलेट में मारे गए हैं.
The White House released an official statement stating that it is "saddened" to hear about Saudi journalist Jamal Khashoggi's demise
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— ANI Digital (@ani_digital) October 20, 2018
समाचार एजेंसी AP के अनुसार सऊदी की मीडिया ने कहा है कि खशोगी की हत्या के मामले में 18 लोगों को बतौर संदिग्ध गिरफ्तार किया गया है. सऊदी मीडिया के मुताबिक खशोगी एक झगड़े के दौराम मारे गए.
आपको बताते चलें कि पत्रकार खशोगी बीते कई दिनों से लापता थे. इस दौरान यह खबरें भी आईं कि उनकी हत्या कर दी गई है, हालांकि सऊदी इससे इनकार करता रहा.
Saudi Arabia's Attorney General has confirmed that preliminary investigations indicate that journalist Jamal Khashoggi died inside the Saudi consulate in Istanbul after a brawl within the premises
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— ANI Digital (@ani_digital) October 19, 2018
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खशोगी की हत्या की आशंका पर कहा था कि ‘निःसन्देह रूप से दिख रहा है कि सऊदी के लेखक की मौत हो गई है, हम प्रण लेते हैं कि यदि सऊदी रॉयल इसके जिम्मेदार होंगे तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.’
ट्रंप, सऊदी रॉयल्स को इस बात की चेतावनी दे चुके हैं अगर वह खशोगी की मौत के लिए जिम्मेदार पाए जाएंगे तो उनके ‘कड़ी सजा’ दी जाएगी.
गौरतलब है कि पत्रकार के तौर पर जमाल खाशोगी का काम सऊदी अरब में काफी विवादित रहा है. मोहम्मद बिन सलमान के क्राउन प्रिंस बनने के बाद उन्होंने स्वयं निर्वासन पर अमेरिका जाने का फैसला लिया था.
वाशिंगटन पोस्ट के लिए काम करते हुए खाशोगी ने कई मुद्दों पर सऊदी अरब की आलोचना की. इसमें यमन युद्ध, कनाडा के साथ हाल ही में हुआ राजनयिक मनमुटाव और ड्राइविंग के अधिकार के लिए आंदोलन करने वाली महिलाओं की गिरफ्तारी के लिए सऊदी की आलोचना करना शामिल है.
सऊदी के मदीना में जन्मे खशोगी ने अमेरिका के इंडिआना यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी की.इसके बाद पत्रकारिता में आ गए. ये पहली बार तब चर्चा में आए जब अफगानिस्तान में सोवियत संघ की सेनाओं और मुजाहिदीनों के बीच हुए संघर्ष की रिपोर्टिंग की.
खशोगी के कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब अमेरिका और यूरोपीय देश ओसामा बिन लादेन की तलाश कर रहे थे उस वक्त खशोगी ने लादेन का इंटरव्यू लिया था.
खशोगी ने अरब द्वारा यमन में छेड़े गए युद्ध और कतर पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ भी लिख रहे थे. लापता होने के तीन दिन पहले खशोगी ने बीबीसी को दिए इंटरव्यू में कहा था कि अब वो सऊदी अरब वापस नहीं जाना चाहते हैं.