गोरखपुर: लोकप्रिय मुख्यमंत्री योगी जी के जिले में निचले स्तर के कर्मचारियों व अधिकारियों की लापरवाही व उदासीनता
से आम लोगों की समस्याओं का निस्तारण सिर्फ कागजों में ही हो रहा है. धरातल पर समाधान हो पाना असंभव प्रतीत हो रहा है
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के बांसगांव तहसील के अंतर्गत आने वाले गांव सुमही में आराजी संख्या 120 एवं आराजी संख्या 139
सहित सार्वजनिक नाली एवं ग्राम समाज के पोखरे पर कुछ भूमाफियाओं द्वारा अवैध अतिक्रमण करके कब्जा किया जा रहा है.
इस संदर्भ में यहां के कुछ ग्रामीणों द्वारा विगत 5 वर्षों से शासन-प्रशासन तथा मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल सहित जनपद के राजस्व व
पुलिस विभाग के अधिकारियों के पास प्रार्थना पत्र देकर लगातार अवगत कराया जा रहा है किन्तु स्थानीय स्तर पर हल्का लेखपाल,
राजस्व निरीक्षक सहित स्थानीय पुलिस की लापरवाही व उदासीनता से कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है.
संबंधित कर्मचारियों अधिकारियों द्वारा निष्पक्ष जांच आख्या वरिष्ठ अधिकारियों को प्रेषित न करने के कारण वास्तविक पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पा रहा है.
संबंधित विभागीय अधिकारियों द्वारा विपक्षी व भू माफियाओं के पैसे व प्रभाव में आकर सिर्फ कागजों में बाजीगरी दिखाते हुए मामले को फर्जी निस्तारित कर दिया जा रहा है.
इससे शासन एवं प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि गांव की छोटी मोटी समस्याएं जैसे नाली,
सड़क, खड़ंजा, गंदगी आदि का भी जिम्मेदारी पूर्वक निस्तारण नहीं किया जा रहा है, सिर्फ एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं.
पंचायत विभाग का कहना है कि यह राजस्व और पुलिस का मामला है तो पुलिस विभाग का कहना है कि राजस्व विभाग में जाकर समस्या का निस्तारण कराएं.
राजस्व विभाग तो सीधे अपना पल्ला झाड़ते हुए शिकायतकर्ता को न्याया-लय जाने की सलाह दे रहा है.
बड़े दुख की बात है कि एक तरफ माननीय मुख्यमंत्री द्वारा सिस्टम को सुधारने की कोशिश की जा रही है वहीं कुछ विभागीय कर्मचारी शासन एवं प्रशासन की छवि धूमिल करने में जुटे हुए हैं.
यहां के ग्रामीणों ने बांसगांव तहसील में निचले स्तर में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच कराते हुए आईजीआरएस आदि पर आने वाली
शिकायतों का गुणवत्तापूर्वक निष्पक्ष निस्तारण समय से कराने की मांग की है ताकि आम लोगों को न्याय मिल सके.