BY-THE FIRE TEAM
राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया के पहले से ही घाटे में चलने तथा उस पर वित्तीय बोझ कम करने के लिए सरकार ने फ़ैसला लिया है.
इसके लिए उसने कंपनी को 29,000 करोड़ रुपये ऋण विशेष इकाई (एसपीवी) को स्थानांतरित करेगी. इस सम्बन्ध में नागर विमानन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि-
इसके लिए एसपीवी का गठन किया जा चुका है जिसका नाम है एयर इंडिया ऐसेट होल्डिंग लिमिटेड. उनका कहना है कि इससे 29,000 करोड़ के सूद पर पड़ने वाले ब्याज को ले कर कंपनी को चिंता नहीं होगी.
हालांकि इसके लिए पहले ऋणदाताओं की मंजूरी लेनी होगी. गौरतलब है कि इस समय कंपनी पर कुल 55,000 करोड़ रुपये का कर्ज़ा है.
#AirIndia revival: Govt mulls plan to reduce airline's Rs 55,000 crore debt by half https://t.co/6PA7tYtU91 #AirIndiaDebt pic.twitter.com/TCaM5U8a64
— Business Today (@business_today) November 29, 2018
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए एक अधिकारी के अनुसार इसके बाद कंपनी पर 26,000 करोड़ का कर्ज़ बचा रहेगा जिसे कंपनी को किसी तरह चुकाना होगा.
यह सोचने का पहलू है कि देश की प्रमुख विमानन कम्पनी आज न केवल घाटे में चल रही है बल्कि कई बार तो ऐसी स्थिति बनी कि उसे बेचने तक की नौबत आ गई.
किन्तुअब इस ओर अब सरकार ने ध्यान देना शुरू कर दिया है जिससे कम्पनी की हालत सुधरने की गुंजाईश नजर आ रही है.
एयर इंडिया से जाते थे नेहरू के प्रेम पत्र:
नेहरू को लॉर्ड माउंटबेटन की पत्नी एडविना माउंटबेटन से इश्क था. मशहूर पत्रकार कुलदीप नैयर ने बताया कि-
जब वो ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त थे तब उनको पता चला कि एयर इंडिया की फ़्लाइट से नेहरू रोज़ एडविना को पत्र भेजा करते थे.
एडविना उसका जवाब देती थीं और उच्चायोग का आदमी उन पत्रों को एयर इंडिया के विमान तक पहुंचाया करता था.
नैयर ने एक बार एडविना के नाती लार्ड रैमसे से पूछ ही लिया कि क्या उनकी नानी और नेहरू के बीच इश्क था? रैमसे का जवाब था, “उनके बीच आध्यात्मिक प्रेम था.”
इसके बाद नैयर ने उन्हें नहीं कुरेदा. नेहरू के एडविना को लिखे पत्र तो छपे हैं लेकिन एडविना के नेहरू को लिखे पत्रों के बारे में किसी को कुछ भी पता नहीं हैं.