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BY-THE FIRE TEAM


नोटबंदी लागु करने के दिन से लेकर आज तक इसकी समीक्षा जारी है और दिलचस्प पहलू यह है कि सरकार के अलावा और किसी भी राजनितिक दल ने इसकी प्रशंसा नहीं किया।

इसी संदर्भ में देश के पूर्व आर्थ‍िक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम ने नोटबंदी को देश की अर्थव्यवस्थआ के लिए एक बड़ा झटका बताया है।

सुब्रह्मण्यम मोदी सरकार में आर्थिक सलाहकार रह चुके हैं, उन्होंने पहली बार अपनी किताब ‘ऑफ काउंसेल: द चैलेंजेस ऑफ द मोदी-जेटली इकोनॉमी‘ में नोटबंदी समेत अर्थव्यवस्था के कई मुद्दों पर अपनी बात रखी है।

अरविंद सुब्रह्मण्यन अपनी किताब में लिखते हैं, नोटबंदी अर्थव्यवस्था को एक तगड़ा और खतरनाक झटका था. इस एक क़दम से चलन में 86 फ़ीसदी मुद्रा बाहर निकाल दी गई थी.

नोटबंदी का असर रियल जीडीपी पर देखने को मिला. इकोनॉमी की रफ्तार पहले से ही धीमी थी, लेकिन नोटबंदी के बाद यह और भी तेजी से गिरने लगी।

वो कहते हैं कि सिर्फ़ नोटबंदी ही नहीं, इस दौरान अन्य कई चीजों ने भी इकोनॉमी के ग्रोथ को प्रभाव‍ति किया. इसमें ब्याज दरें, जीएसटी लागू होना और तेल की बढ़ती क़ीमतें भी शामिल थीं।

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