पुरानी पेंशन की बहाली को चुनावी मुद्दा बनाएंगें केन्द्र और राज्य कार्मिक–रूपेश

  • राष्ट्रव्यापी आंदोलन की रूपरेखा हो रही है तैयार, 21 जनवरी को दिल्ली में केंद्र व राज्य सरकार के कर्मचारी नेता संयुक्त रूप से बनाएंगे रणनीति–अश्वनी

गोरखपुर: पुरानी पेंशन के लिए लगातार लम्बे अरसे से संघर्ष कर रही ‘राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद’ की बैठक कोषागार कार्यालय में अध्यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्तव एवं संचालन मंत्री अश्वनी श्रीवास्तव ने की अध्यक्षता में संपन्न हुई.

बैठक में परिषद के अध्यक्ष रूपेश ने बताया केन्द्र एवं राज्य कार्मिकों के साझा आन्दोलन की घोषणा कर दी गई है.

हमें इस आंदोलन को रोटी का आंदोलन बनाना है और प्रत्येक कर्मचारी प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर होने वाले आंदोलन को सफल बनाएं.

बैठक में परिषद के मंत्री अश्वनी ने बताया कि परिषद पहले ही पुरानी पेंशन बहाली के लिए वर्ष 2023 को संघर्ष वर्ष घोषित कर चुका है.

अब केन्द और राज्य सरकार के कार्मिकों ने मिलकर साझा राष्ट्रीय एवं प्रान्तीय आन्दोलन घोषित किया है. 21 जनवरी को केन्द्रीय स्तर पर दिल्ली में एक वृहद बैठक सम्पन्न होगी.

10-20 फरवरी तक केन्द्रीय स्तर पर ऑनलाइन पिटीशन, हस्ताक्षर अभियान एवं प्रान्तीय स्तर पर प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री और मुख्यमंत्री को पोस्टकार्ड अभियान चलाया जाएगा.

21 मई को जिला स्तरीय मशाल जुलूस और 21 जून को राजधानी स्तर पर प्रान्तीय रैली का आयोजन किया जाएगा.

जुलाई एवं अगस्त में मानसून सत्र के दौरान दिल्ली में राष्ट्रीय रैली तथा 19 सितम्बर, 2023 को भारत बंद का समर्थन किया जाएगा.

बैठक में हिमाचल सरकार द्वारा पुरानी पेंशन बहाली पर सरकार का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि जब कई राज्यों में पुरानी पेंशन बहाल हो चुकी है.

तो बाकी राज्यों में पुरानी पेंशन बहाली के लिए राज्य कार्मिक और केन्द्र सरकार के कार्मिक लगातार राज्य एवं केन्द्र सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहा है.

केन्द्र सरकार को तत्काल पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा करते हुए केन्द्र और राज्य के कार्मिकों और सरकार के बीच चल रहे इस शीत युद्ध पर विराम लगाने की आवश्यकता है.

बैठक में वरुण बैरागी, अरुण द्विवेदी, गोविंद जी, शब्बीर अली, मदन मुरारी शुक्ल, भारतेंदु यादव, राजेश सिंह, प्रभु दयाल सिन्हा, इजहार अली, फुलई पासवान, डॉ एसके विश्वकर्मा, सहित तमाम कर्मचारी उपस्थित रहे.

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