देश इस समय ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है क्योंकि ब्रिटिश हुकूमत से हमें स्वतंत्र हुए 75 वर्ष पूरे हो चुके हैं.
इस क्रम में अगर देखा जाए तो केंद्र सरकार की तरफ से ‘हर घर तिरंगा अभियान’ चलाया जा रहा है जिसे देश की लगभग हर
राजनीतिक पार्टी चाहे समाजवादी हो, बहुजन समाजवादी हो अथवा कांग्रेस सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी
इस कार्यक्रम का समर्थन करते हुए 9 से 15 अगस्त तक पूरे प्रदेश में हर घर तिरंगा लहराने की अपील किया है.
एक तरफ जहां आज सांसदों ने तिरंगा बाइक रैली निकाली, तो वहीं सपा सांसद शफ़ीक़ उर रहमान बर्क़ ने विवादित बयान दिया। उन्होंने आजतक संवाददाता से कहा कि घर में तिरंगे की जरूरत क्या है? सुनिए और क्या बोले सपा सांसद#ReporterDiary #Tiranga #TirangaBikeRally #BJP | @mausamii2u pic.twitter.com/9Hn8lp93VB
— AajTak (@aajtak) August 3, 2022
किंतु तिरंगा फहराने के इस मसले पर उन्हीं के पार्टी के सांसद ने प्रश्नचिन्ह लगा कर मामले को गरमा दिया है.
जी हां, हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के संभल से सपा सांसद शफीकउर रहमान बर्क की जिन्होंने कहा है कि संविधान में ऐसा जरूरी नहीं किया गया है कि हर घर पर तिरंगा लगाया जाए.
भाजपा कहीं न कहीं इस अभियान को लोक सभा चुनाव 2024 से जोड़ रही है. जब संविधान ने इसे अनिवार्य नहीं किया तो हर घर पर तिरंगा लहराने की क्या जरूरत है.?
उन्होंने भाजपा की तरफ इशारा करते हुए यहां तक कहा कि वह तो हमें मुल्क का ही नहीं मानते हैं. हमें तो सिर्फ विपक्षी राजनीतिक दल स्वीकार करते हैं कि हम भी भारतीय हैं.
कहीं ना कहीं व्यक्ति अपनी मर्जी से झंडा लगाता है, अपनी पार्टी का झंडा प्रयोग करता है. तिरंगा तो देश का झंडा है उसे हम अपने घरों पर क्यों लगाएं.?
बर्क का यह बयान एक अलग तरह के राजनीतिक बहस को जन्म दे दिया है जिस पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिलेंगी.