ऐसा लगता है कि अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनने पर महिलाओं को जिस बात का डर सता रहा था, वही अब धीरे-धीरे अपना रूप लेना शुरू कर दिया है.
तालिबान के द्वारा सत्ता पर कब्जा करने के पश्चात एक से एक तुगलकी फरमान महिलाओं को लेकर के जारी करता चला जा रहा है.
अभी हाल ही में तालिबान ने एक और फरमान जारी करते हुए कहा है कि महिलाओं को लंबी दूरी की यात्रा करने की इजाजत तभी दी जाएगी,
जब उनके साथ कोई उनका करीबी पुरुष, रिश्तेदार मौजूद हो. यानी कि यहां की महिलाएं अकेले यात्रा नहीं कर सकेंगी. इस विषय में अफगानिस्तान के तालिबान सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि-
वे महिलाएं जो यात्रा करना चाहती हैं यदि उनके साथ कोई भी साथी नहीं है तो उन्हें यात्रा करने की इजाजत नहीं मिलेगी.
अभी कुछ दिनों पूर्व अफगानिस्तान में नागरिकों से अपने वाहनों में संगीत बजाने से भी मना किया गया था.
इसके साथ-साथ चैनलों में काम करने वाली महिला कलाकारों से जुड़े ड्रामा और सीरियल को ना दिखाने के लिए भी आदेश जारी किया गया था.
मीडिया में महिला पत्रकारों को यह सख्त हिदायत दी गई थी कि वह एंकरिंग करते वक्त हिसाब जरूर पहने. दरअसल हिजाब एक इस्लामिक प्रथा है और महिलाओं को यात्रा के दौरान भी हिजाब पहनना होगा.
इस आदेश के जारी करने के पश्चात लोग अनुमान लगाने लगे हैं कि यह खुले तौर पर मानवाधिकारों का उल्लंघन है.
महिला अधिकारों से जुड़े कार्यकर्ता हीथर बरार ने कहा है कि-” इस तरह के आदेश महिलाओं को कैद करने की दिशा में एक और नया कदम है. ऐसे फरमान महिलाओं की स्वतंत्रता को सीमित करते हैं.”
यहां याद दिलाते चलें कि बीते 15 अगस्त को तालिबान के द्वारा सरकार बनाए जाने के बाद महिलाओं के अधिकारों के ऊपर लगातार प्रहार करता चला जा रहा है.
जैसे स्कूलों में पढ़ने वाली लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिबंध नौकरी कर रही महिलाओं की हमेशा के लिए छुट्टी, मंत्रिमंडल में महिलाओं को जगह ना देना आदि.
हालांकि कुछ महिलाओं ने इसका विरोध भी किया किंतु कोई दबाव न बनने के कारण तालिबान ने अपनी नीतियों में कोई परिवर्तन नहीं किया.