(चाँद मोहम्मद की कलम से, राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा)
जिस तरह से भारत ने कांग्रेस और बीजेपी ने मिलकर भारत में लोकतंत्र को प्रभावहीन कर दिया है उसी तरह से आज अमेरिका में ट्रंप के अंधभक्तों के द्वारा जिन घटनाओं को अंजाम दिया गया
यह पूरी दुनिया के लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या है. वर्तमान समय में दुनिया में एक ऐसी नस्ल का उभार हुआ है जो लोकतंत्र में विश्वास और यकीन नहीं रखती है.
क्योंकि लोकतंत्र के मूल्यों में समता, स्वतंत्रता, न्याय और बंधुत्व है और गैर बराबरी को मानने वाली चंद मुठ्ठी भर जो नस्ले पूरे दुनिया में फैली हैं वह लोकतंत्र के मूल्यों को कैसे स्वीकार कर सकती हैं?
अमेरिका के लोकतंत्र मे आज काला दिन तथा विश्व समुदाय में अमेरिका के अपमान का क्षण है.
वॉशिंगटन में कर्फ्यू लगा दिया गया है. बाइडेन को रोकने के लिए ट्रंप की हरकतों से ऐसा लगता है कि वह कुछ भी कर सकते हैं. कैपिटल बिल्डिंग के भीतर दंगाइ घुस चुके है.
स्पीकर की कुर्सी पर कब्जा कर लिया है, स्पीकर की चेयर से एक दंगाई ने ट्रंप की जीत का ऐलान कर दिया. संसद के भीतर फायरिंग की भी आवाजें आ रही हैं. यह एक अविश्वसनीय तख्तापलट की कोशिश है.
ट्रंप ने आखिरकार कांड कर दिया, बिल्डिंग के भीतर जनप्रतिनिधि फंसे हुए है. नेशनल गार्ड बुला लिए गए. दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र मे इस दिन की कल्पना भी नहीं की होगी.
ये एक तरह का, “अविश्वसनीय तख्तापलट” की कोशिश है, अमेरिका ने लोकतंत्र की प्रतिष्ठा खो दी है.