उत्तराखंड विधानसभा में राजनीतिक दलों के विरोध करने के बाद भी ‘समान नागरिक संहिता'(UCC) यानी पारित कर लिया गया है.
स्वतंत्रता के बाद UCC विधेयक पारित करने वाला उत्तराखंड देश में प्रथम राज्य भी बन चुका है. इसे राज भवन की स्वीकृति मिलने के पश्चात राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.
इस मौके पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि-“हम आजादी के अमृत काल में हैं. इस विधेयक का पारित होना ऐतिहासिक कदम है.
भारत ने सदैव अनेकता में एकता की बात किया है, यही हमारे देश की विशेषता है तथा यह विधेयक में भी परिलक्षित होता है.”
आज आजादी के 76 वर्षों के व्यतीत हो जाने के बाद जरूरत है कि हम एक ऐसा समाज बनाएं जहां समरसता हो तथा सभी के लिए समान संवैधानिक प्रावधान हों.
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए सीएम धामी ने बताया कि यह बिल प्रधानमंत्री की देश को विकसित, आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अर्पित आहुति मात्र है.
यह जाति, धर्म, लिंग के आधार पर अंतर करने वाले मामलों से संबंधित कानून में एकरूपता लाने का भी प्रयास करता है.
फिलहाल अभी विपक्ष शांत है किन्तु क्या कदम उठाएगा अभी स्पष्ट नहीं हो सका है. यह राजनीतिक समर है जहां प्रत्येक घनटे समीकरण बदलता रहता है, ऐसे में अभी इंतजार करने की जरूरत है.