भारत में प्रत्येक नागरिक को सामाजिक और आर्थिक रूप से समान बनाए जाने को लेकर एक तरफ जहां सरकार की कई कल्याणकारी योजनाएं चल रही हैं.
वहीं जब आर्थिक असमानता का अनुपात देखा जाता है तो हम दांतो तले उंगली दबा लेते हैं. जी हां, विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक के पहले दिन जब वार्षिक समांतर रिपोर्ट पेश की गई तो
उससे पता चला कि भारत में 1% सबसे अमीर लोगों के पास देश की कुल संपत्ति का 40% से अधिक हिस्सा पर कब्जा है.
जबकि 50% आबादी के पास कुल संपत्ति का सिर्फ 3 फ़ीसदी हिस्सा ही पास में है. इतना ही नहीं ऑक्सफैम इंटरनेशनल ने तो यह भी बताया कि
यदि भारत के 10 सबसे धनी लोगों पर 5% कर लगा दिया जाए तो ऐसे गरीब बच्चों को स्कूल जाने का मौका मिल सकता है जो धन के अभाव में शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं.
इस रिपोर्ट से लैंगिक असमानता पर भी प्रकाश डाला गया जिसमें बताया गया है कि महिला श्रमिकों को एक पुरुष कर्मचारी द्वारा कमाए गए प्रत्येक एक रुपए के मुकाबले मात्र 63 पैसे ही मिल पाते हैं.
ऑक्सफैम इंडिया के सीईओ अमिताभ बेहर ने बताया कि हाशिए पर पड़े लोगों, दलितों, आदिवासियों, मुस्लिमों, महिलाएं तथा अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिक एक दुष्चक्र से पीड़ित हैं. आज गरीब अधिक करों का भुगतान कर रहे हैं