प्राप्त जानकारी के मुताबिक अमेरिका स्थित न्यूयॉर्क के ‘टाइम्स स्क्वायर’ उस समय चर्चा का विषय बन गया जब यहां हजारों की संख्या में
मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज पढ़ने के लिए इकट्ठा हुए और सफलतापूर्वक तरावीह की नमाज़ को अदा भी किया.
For the first time in US history, Muslims perform Taraweeh prayers at New York Times Squarehttps://t.co/ZAWX4fln4g #RamadanKareem pic.twitter.com/PAvLTMQkPf
— Gulf Today (@gulftoday) April 3, 2022
हालांकि कुछ लोग नमाज पढ़ने की इस घटना का समर्थन कर रहे हैं तो कुछ इसके विरोध में भी खड़े हो गए हैं.
इस संबंध में गल्फ टुडे ने लिखा है कि अमेरिकी इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब मुस्लिम समुदाय ने टाइम्स स्क्वायर जैसी चर्चित जगह पर नमाज अदा की हो.
दरअसल इस नमाज के आयोजकों का यह कहना है कि बहुचर्चित स्थान टाइम्स स्क्वायर से लोगों को यह संदेश जाएगा कि
न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर पहली बार नमाज पढ़ी गई। आयोजक यह बताना चाहते थे कि इस्लाम अमन पसंद मजहब है।https://t.co/7W1bq6jTGd
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) April 4, 2022
इस्लाम अमनपसंद मजहब है तथा दुनिया में इस्लाम को लेकर जो गलत धारणाएं बनाई गई हैं उस भ्रांति और मिथक को तोड़ा जाए.
जैसा कि इस समय मुस्लिमों का पवित्र महीना शुरु हो चुका है जहां 1 महीने तक मुसलमान रोजा रखते हैं जकात देते हैं तथा इबादत में मशगूल रहते हैं.
जो लोग इस नमाज का विरोध कर रहे हैं उनका कहना है कि टाइम्स स्क्वायर जैसे सार्वजनिक जगह पर रास्ता रुक कर नमाज पढ़ना असुविधा को उत्पन्न करता है.
अगर देखा जाए तो केवल न्यूयॉर्क में ही 270 से अधिक मस्जिदें हैं जहां नमाज को बखूबी बढ़ा जा सकता है.
मजहब का प्रदर्शन करने के लिए लोगों का रास्ता रोकने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि इस रास्ते पर चलना इस्लाम हमें नहीं सिखाता है.