वाजपेयी को किसी एक फ्रेम में माला पहनाकर भुलाया नहीं जा सकता है

BY पुण्य प्रसून बाजपेयी ON 17/08/2018 • अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय समाज के उस मर्म को बखूबी समझते रहे कि अति की सोच भारत जैसे लोकतांत्रिक-सेक्युलर देश में...

72वां स्वतंत्रता दिवस और वर्तमान चुनौतियां!

आजादी.............. सचमुच अपने आप में एक अद्भुत शब्द है जो व्यक्ति को उसके वास्तव में होने का बोध कराता है। बेड़ियों एवं कई तरह...

यूपीकोका, लोकतंत्र को सैन्यतंत्र में बदलने का फाॅसिस्ट षडयंत्र है!

यूपीकोका (उत्तर प्रदेश संगठित अपराध नियन्त्रण अधिनियम 2017) में संगठित अपराध की परिभाषा में शामिल अपराध है फिरौती के लिए अपरहरण करना, अवैध-खनन, गैर-कानूनी...
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