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गोरखपुर: जनहित के मुद्दे पर चल रहे क्रमिक धरने पर शासकीय व प्रशासकीय तंत्र की उदासीनता लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर कुठाराघात हमला है.

शासकीय, प्रशासकीय तंत्र की उपेक्षात्मक कार्यशैली से स्पष्ट हो रहा है कि पूर्वांचल के सबसे बड़े स्वर्ण व्यवसाई के आर्थिक एवं राजनैतिक प्रभाव से प्रभावित होकर

नगर के प्रमुख मार्ग स्थित पैडलेगंज रोड के आवासीय क्षेत्र में बगैर पार्किंग के 108 व्यवसायिक प्रतिष्ठान युक्त पांच मंजिली कांप्लेक्स के निर्माण को अंतिम स्वरूप दे दिया गया है.

विगत 44 दिनों से अध्यक्ष विकास प्राधिकरण/मंडलायुक्त गोरखपुर कार्यालय पर लोकहित के मुद्दे पर चल रहे क्रमिक धरने के दौरान तीसरी आंख मानवाधिकार संगठन के संस्थापक महासचिव शैलेंद्र कुमार मिश्र ने

बुधवार को कार्यकर्ताओं के अदम्य साहस और संगठन के प्रति निष्ठा को मजबूत करते हुए उन्हें सत्याग्रह संकल्प के प्रति संघर्ष के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से संगठन के लक्ष्य पर केंद्रित करते हुए उक्त बातें कहीं.

उन्होंने कहा कि उक्त कारित अपराध के परिणाम स्वरूप यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि भविष्य में गंभीर, अप्रिय घटना व जाम की समस्याओं को बढ़ाने का कार्य किया गया है.

शासकीय तंत्र की खामोशी व लाचारगी इस बात का इशारा करती है कि सीएम सिटी में कानून व्यवस्था व नीति निर्देशों का आरोपी लोकसेवकों द्वारा बेखौफ माखौल उड़ाते हुए राजस्व की गंभीर

क्षति कर आर्थिक अपराध के नित्य नए अंजाम दिए जा रहे हैं तथा आम नागरिकों व सामाजिक कार्यकर्ताओं का कानून व्यवस्था और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में आस्था को आहत किया जा रहा है यह लोकतंत्र के लिए शुभ संदेश नहीं है.

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित संगठन के संरक्षक डा. पी.एन. भट्ट, संस्थापक महासचिव शैलेन्द्र कुमार मिश्र, अधिवक्ता गिरिजेश शुक्ला, मजहर उर्फ लाड़ले, राजा राम यादव और जय बहादुर इत्यादि भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे.

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