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मिली जानकारी के मुताबिक मोदी सरकार के जनविरोधी और कर्मचारी विरोधी नीतियों के विरुद्ध वाम मोर्चा द्वारा समर्थित 48 घंटे के भारत बंद का आह्वान किया गया है.

इसका असर पश्चिम बंगाल और केरल में सबसे अधिक दिख रहा है. सेंट्रल ट्रेड यूनियन के संयुक्त मोर्चा के द्वारा घोषित

भारत बंद के समर्थन में संघ कार्यकर्ताओं तथा राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने बंगाल में कई जगहों पर रेल पटरियों सहित राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया गया है.

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद विनायक विश्वम ने राज्यसभा में नियम 267 के अंतर्गत केंद्र सरकार की निगमीकरण और निजीकरण

की नीतियों के विरोध में संपूर्ण देश के श्रमिकों द्वारा बुलाई गई दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के तहत नोटिस दिया था.

खबर लिखे जाने तक वामपंथी पार्टियों के प्रभाव वाले पश्चिम बंगाल और केरल के कई शहरों में प्रदर्शनकारियों ने ट्रैफिक जाम करते हुए केंद्र सरकार की नीतियों को संशोधन सहित बदले जाने की मांग किया है.

जैसे- हर तरह के प्राइवेटाइजेशन को तुरंत रोकना, राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन को खत्म करना, मनरेगा के तहत

मजदूरी आवंटन के दिवसों को बढ़ाना तथा ठेका श्रमिकों को नियमित करना. बंद की वजह से बैंकिंग परिवहन रेलवे और बिजनेस से जुड़ी आवश्यक सेवाएं प्रभावित होने की संभावना है.

आपको बताते चलें कि भारतीय मजदूर संघ, भारत का सबसे बड़ा केंद्रीय श्रमिक संगठन है जिसकी स्थापना भोपाल में

महान विचारक दत्तोपंत ठेंगडी द्वारा प्रख्यात स्वतंत्रता संग्राम सेनानी लोकमान्य तिलक के जन्मदिवस पर किया था.

इस संगठन के 1 करोड़ से अधिक सदस्य हैं, यह देश का पहला संगठन है जो किसी राजनीतिक दल की इकाई नहीं है

बल्कि मजदूरों का मजदूरों के लिए मजदूरों द्वारा संचालित अपने आप में स्वतंत्र मजदूर संगठन है.

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