“मुख्य अभियंता गंडक अधिकारियों समेत मना रहे हैं मार्च, दिन-रात लगी है ठेकेदारों की भीड़, पर कार्यालय नहीं आवास पर बैठकर हो रहा है गुणा गणित,”
यह कहना है आमरण अनशन पर बैठे इरीगेशन डिपार्टमेंट एम्पलाई यूनियन उत्तर प्रदेश के प्रांतीय कार्यवाहक अध्यक्ष शिवानंद का
क्योंकि माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों की कोई अहमियत अथवा डर इन सिंचाई विभाग के अधिकारियों को नहीं रह गया है.
इसका कारण मात्र एक है कि इस सरकार में जहां एक तरफ माननीय मुख्यमंत्री जी इस उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने में जी जान से लगे हैं, यथासंभव रोजगार भी मुहैया कराते जा रहे हैं.
वहीं मुख्य अभियंता गंडक आलोक जैन और अधिशासी अभियंता ड्रेनेज खंड गोरखपुर वी के वर्मा सरकार को बदनाम करने में जी-जान से लगे हुए हैं.
यदि ऐसा नहीं है तो वर्ष 1991 से लेकर वर्ष 2005 तक शासनादेशों के विरुद्ध दैनिक वेतन भोगी सैकड़ों कर्मियों की नियुक्तियां जिसमें उनके चहेते भी हैं, की हो चुकी है.
वहीं माननीय उच्च न्यायालय के आदेश रिट संख्या 29 545/ 2003 एवं संबंधित अन्य रिटोऺ में दिए गए निर्देशों का पालन करना तो दूर
यह केवल अवैध नियुक्तियों को छुपाने में लगे हुए हैं जिसकी कई प्रतियां प्रमाण स्वरूप इन दोनों अधिकारियों को बाइंडिंग युक्त फाइल में दी जा चुकी है.
फिर भी ना तो जिलाधिकारी महोदय के आदेशों का पालन इनके द्वारा किया जा रहा है और ना तो प्रमुख अभियंता के निर्देशों का ही पालन किया जा रहा है.
जबकि अवैध नियुक्तियां करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध वसूली करने और दंडात्मक कार्यवाही करने को भी प्रमुख अभियंता द्वारा लिखा गया.
अब तक याची गणों में से 11 मर चुके हैं जो इन्हीं के खंड के कर्मचारी थे, पर हद तो यह है कि वी के वर्मा यह कहते हैं कि हमारे संज्ञान में ऐसा कुछ नहीं है.
संघ के अध्यक्ष विवेकानंद पांडे एवं मंत्री इंद्रेश गौड़ ने अपने संयुक्त बयान में कहा है कि सब्र की भी एक सीमा होती है जो अब लद चुकी है.
अब तक हम शांतिपूर्ण ढंग से विगत कई वर्षों से धरना, क्रमिक अनशन चलाते-चलाते थक चुके हैं. अब अनशन करता आमरण अनशन पर हैं.
यदि इस आमरण अनशन पर भी समायोजन नहीं किया गया और आमरण अनशनकर्ता की हालत बिगड़ी तो मुख्य अभियंता की खैर नहीं.
आमरण अनशन स्थल पर रूपेश श्रीवास्तव जिला अध्यक्ष राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, राजेश सिंह उपाध्यक्ष राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद,
विनोद राय महामंत्री पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ, कनिष्क गुप्ता अध्यक्ष शिक्षा विभाग, गोविंद श्रीवास्तव मंडल अध्यक्ष राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद आदि
ने भी संबोधित करते हुए कहा कि यदि इस प्रकरण का निस्तारण नहीं हुआ तो हम अपने संगठन के समस्त पदाधिकारियों के साथ
इस अनशन में शिरकत करेंगे और जब तक न्याय नहीं मिल जाता तब तक इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे.