photo-(amar ujala)

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की बार-बार अपील के बावजूद सरकार के साथ पंजीकरण नहीं कराने वाले देश भर के करीब 2000 शिशु देखभाल संस्थानों पर बंद होने का खतरा मंडरा रहा है। सरकार के अनुसार यदि गैर अनुपालन ऐसे ही जारी रहा तो इस प्रकार के संस्थान बंद हो सकते हैं।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय पंजीकरण पर जोर इस वजह से दे रहा है कि कुछ दिन पहले झारखंड में मिशनरियों के कथित रूप से अवैध तरीके से बच्चों को गोद लिए जाने के कई मामले सामने आए थे। केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने भी पिछले महीने सभी राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि सभी बाल  गृहों  का पंजीकरण किया जाए और उन्हें एक महीने के अंदर देश की शीर्ष संस्था केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण( कारा) के साथ जोड़ा जाए।

 पीटीआई के अनुसार महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल एवं सुरक्षा) कानून 2015 में सभी शिशु देखभाल संस्थानों ( सीसीआई ) के पंजीकरण एवं कारा के साथ उन्हें जुड़ने का प्रावधान दिया गया है। दो साल पहले यह प्रभाव में आया, लेकिन कुछ अनाथालयों ने इस अनुच्छेद की वैधता को चुनौती दी थी।

बताते चलें कि हाल ही में उत्तर प्रदेश के देवरिया में एक गैर पंजीकृत बालगृह में 24 लड़कियों के कथित यौन उत्पीड़न की घटना सामने आई थी। इसी को देखते हुए मंत्रालय ने एक बार फिर सभी संस्थानों से पंजीकरण की अपील की है।

शिशु देखभाल संस्थानों में बाल गृह, अवलोकन गृह, विशेष गृह, सुरक्षा स्थान, विशेषीकृत दत्तक एजेंसी और खुले आश्रय गृह शामिल हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here