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पंचकुइयां रोड, नई दिल्ली: नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमेन (NFIR) रेलवे कर्मचारियों का एक मान्यता प्राप्त फेडरेशन है, जिसकी 236 वीं कार्यसमिति की बैठक नई दिल्ली में पंचकुइयां रोड चल रही है.

इससे संबद्ध यूनियनें पूरे भारतीय रेलवे में हैं जिसमें कुल 13 लाख कर्मचारियों के मुकाबले 10 लाख रेलवे कर्मचारियों की सदस्यता है.

बैठक में रेलवे और रेलवे कर्मचारियों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई जैसे 1. राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली को समाप्त करने और पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली की आवश्यकता

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2. 1 जनवरी, 2004 को या उसके बाद नियुक्त रेल कर्मचारी इस बात से गंभीर रूप से चिंतित और व्यथित महसूस कर रहे हैं कि

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) द्वारा शासित होने के कारण सेवानिवृत्ति की आयु प्राप्त करने के बाद उनके पास कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं होगी.

3. रेलकर्मी एनपीएस के खिलाफ विभिन्न माध्यमों से आंदोलन कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि उन्हें 1 जनवरी, 2004 से पहले रेलवे सेवा में नियुक्त उनके सहयोगियों के समान पुरानी पेंशन योजना द्वारा शासित किया जाना चाहिए.

बताते चलें कि भारतीय रेलवे में 300 से अधिक श्रेणियों से संबंधित रेल कर्मचारी निष्ठा और समर्पण के साथ अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं.

 

इसने वर्ष 2021-2022 के दौरान 1418 मीट्रिक टन से अधिक माल ढुलाई का मार्ग प्रशस्त किया जो अभूतपूर्व था.

रेलवे कर्मचारियों की सभी श्रेणियों द्वारा निभाई गई समान रूप से समर्पित भूमिका के कारण रेलवे की कमाई में भी सुधार हुआ है.

चालू वर्ष 2022-2023 में, पिछले छह महीनों के दौरान, रेलवे की कमाई में 17% की वृद्धि हुई है और उम्मीद है कि इस वर्ष भारतीय रेलवे 05 मिलियन टन प्रति दिन माल ढुलाई का लक्ष्य हासिल कर लेगी.

सेंटर फॉर इकोनॉमिक स्टडी एंड पॉलिसी इंस्टीट्यूट फॉर सोशल एंड इकोनॉमिक चेंज, बैंगलोर ने छठे सीपीसी द्वारा प्रायोजित केंद्र सरकार के

कर्मचारियों के सेवांत लाभों के एक अध्ययन में पाया कि सिविल सेवकों की पेंशन आस्थगित वेतन की प्रकृति की है.

संस्थान द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, पेंशन देयता किसी भी स्थिति में सकल घरेलू उत्पाद के 1% से कम होगी.

इसलिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) को पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए 1.0.1.20 से समाप्त करने की आवश्यकता है.

जनवरी, 2004 इस बात की सराहना की जानी चाहिए कि हाल के दिनों में, राज्य सरकारों यानी छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड,

पंजाब और हिमाचल प्रदेश ने एनपीएस को समाप्त करने और पुरानी पेंशन योजना को 1.3.2019 से बहाल करने का निर्णय लिया है.

जबकि पश्चिम बंगाल सरकार ने जनवरी, 2004 में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनके जीवन की शाम को सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुरानी पेंशन योजना जारी रखी.

सरकार और उसके कर्मचारियों के बीच टकराव से बचने के लिए NFIR कार्यकारी समिति भारत सरकार से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS)

को समाप्त करने और जनवरी, 2004 से उदारीकृत पेंशन योज ना की बहाली की समीक्षा करने का आग्रह करती है.

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