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  • योगी सरकार में पल रहे हैं गौरक्षक के नाम पर आतंकी

लखनऊ 6 जून, 2021: रिहाई मंच ने मथुरा में कथित गौ रक्षकों द्वारा पशु व्यापारी की हत्या को उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव पूर्व साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण का  षड्यंत्र बताया.

रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि मथुरा में पशु व्यापारियों के साथ कथित गौरक्षकों द्वारा की गई मारपीट और गोली मारने की घटना में शेरा नामक

व्यापारी की मौत और उसके अन्य साथियों को गंभीर रूप से घायल किए जाने की घटना साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की सुनियोजित साजिश का नतीजा है.

उन्होंने कहा कि पंश्चिम बंगाल चुनावों में पराजय के बाद उत्तर प्रदेश में मॉब लिंचिंग और धार्मिक स्थलों पर हमले जैसी साम्प्रदायिक घटनाओं में तेजी आई है, जहां इसमें एक ओर सत्ता का संरक्षण प्राप्त गुंडे

मॉब लिंचिंग की घटनाएं अंजाम दे रहे हैं तो वहीं बाराबंकी और खतौली में अदालती आदेशों को दरकिनार करते हुए मस्जिदें गिराने में प्रशासन की भूमिका रही है.

मंच महासचिव ने कहा कि कोसीकलां थानाध्यक्ष ने पशु व्यपारियों के खिलाफ गौतस्करी का जबकि अज्ञात ग्रामीण के खिलाफ शेरा की हत्या का मुकदमा दर्ज किया है.

उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि जब अस्पताल में भर्ती घायल व्यापारी बार-बार कह रहे हैं कि उन्होंने गाय चुराई नहीं थी बल्कि ग्रामीणों से खरीदी थी तो ऐसे में बिना किसी

प्राथमिक जांच के मात्र कथित गौरक्षकों के आरोप पर गौ तस्करी का मुकदमा दर्ज करने का क्या औचित्य हो सकता है? इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि

आने वाले समय में शेरा की हत्या का आरोप भी उसके साथी व्यापारियों पर लगा कर असल हत्यारों को क्लीन चिट दे दी जाए. राजीव यादव ने कहा कि-

“चार साल बाद भी सरकार के पास अपने कारनामे बताने के लिए कुछ नहीं है और कोरोना महामारी के दौरान नदियों और नदी के तटों पर पड़ी लाशों से सरकार की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किरकिरी हुई है.”

सरकार अपनी नाकामियों पर परदा डालने और चुनाव से पहले पूरी तरह साम्प्रदायिकता की शरण में आ गई है.

(राजीव यादव महासचिव, रिहाई मंच)

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