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BYTHE FIRE TEAM

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को केन्द्र से सवाल किया कि ऐसा क्यों है कि दिल्ली के ज्यादातर प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) केन्द्र या तो काम नहीं कर रहे हैं या बंद होने वाले हैं। न्यायालय ने केन्द्र से पूछा, ‘‘आप किस तरह का प्रदूषण नियंत्रण कर रहे हैं?’’

न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने सरकार द्वारा सौंपी गई स्थिति रिपोर्ट पर गौर करने के बाद केन्द्र से यह सवाल पूछा।

केन्द्र की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल (एएसजी) ए एन एस नादकर्णी ने अदालत से कहा कि विस्तृत कार्य योजना पर बैठकें हुई हैं। इस कार्ययोजना का उद्देश्य दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण से निपटना है।

पीठ ने एएसजी से पूछा, ‘‘इन सब का क्या उपयोग है? दिल्ली में कितने प्रदूषण नियंत्रण केन्द्र हैं?’’

एएसजी ने कहा कि यहां करीब 200 पीयूसी केन्द्र हैं। इस पर पीठ ने सवाल किया, ‘‘200 में से करीब 170 पीयूसी केन्द्र काम नहीं कर रहे हैं। आप किस तरह का प्रदूषण नियंत्रण कर रहे हैं?’’

पीठ ने कहा कि इस विषय पर जनवरी में आगे की सुनवाई की जाएगी।

 

(पीटीआई भाषा)

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