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गुवाहाटी उच्च न्यायालय के द्वारा अखिल गगोई की अपील को ख़ारिज करके जमानत न देने के निर्णय के कारण अखिल के समर्थकों को तगड़ा झटका लगा है.

मिली सूचना के मुताबिक संशोधित नागरिकता कानून(CAA) के विरुद्ध आंदोलन से जुड़े केस में गुवाहाटी हाई कोर्ट ने अखिल गोगोई की जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा है कि-

अखिल गोगोई के नेतृत्व में किया गया आंदोलन आतंकी गतिविधि है. इस संबंध में जस्टिस कल्याण रायसुराना और अजीत बोरठाकुर की बेंच ने संयुक्त रूप से आदेश देते हुए कहा कि हिंसा का इस्तेमाल करते हुए अखिल गोगोई के नेतृत्व में भीड़ ने अहिंसक आंदोलन की अवधारणा को ही खारिज कर दिया था.

आंदोलन के जरिए सरकारी मशीनरी को कमजोर करने, जन शांति में बाधा उत्पन्न करके सरकार के प्रति असंतोष पैदा करने की कोशिश की गई थी.

इसका परिणाम यह होगा कि अखिल गोगोई की जमानत याचिका के संबंध में विशेष एनआईए कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा जाएगा.

आपको यहां बताते चलें कि सीएए विरोध के दौरान हुई हिंसा में अखिल को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इस तरह की गतिविधि यूएपीए(UAPA) की धारा 15 के अंतर्गत आतंकी कार्य के रूप में परिभाषित किया गया है.

इसी को ध्यान में रखते हुए नागरिकता कानून के विरुद्ध कथित हिंसक प्रदर्शन के मामले में गोगोई को जोरहाट से दिसंबर 2019 में गिरफ्तार किया गया था तभी से अखिल गोगोई गुवाहाटी केंद्रीय कारागार में बंद है.

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