देश में किसानों का आक्रोश केंद्र सरकार के द्वारा पारित किए गए कृषि बिल को लेकर बढ़ता ही जा रहा है. पिछले 12 दिनों से दिल्ली को घेर कर बैठे तमाम किसान संगठनों ने आज 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है.
इस आंदोलन की सबसे खास बात यह है कि इसे तमाम छात्र, मजदूर, किसान संगठनों और राजनीतिक दलों ने भी अपना समर्थन दिया है.
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दिल्ली हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर किसान नेता डॉ दर्शन पाल ने कहा है कि-” देश में सुबह के 11:00 बजे से लेकर दोपहर के 3:00 बजे तक चक्का जाम किया जाएगा. यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन होगा.”
हालांकि बंदी के इस ऐलान के साथ आवश्यक सेवाओं जैसे एंबुलेंस सेवा, खाने पीने की वस्तुएं आदि को बाधित नहीं होने दिया जाएगा. इंकलाबी नौजवान सभा के नेता सुमित गौतम तथा आइसा के प्रमुख विवेक ने कहा है कि-
The call of 'Bharat band' by farmers to protest against Centre's anti-farm law is their democratic right and I completely support it. This is not only Punjab's issue, but a matter of concern for whole nation. pic.twitter.com/5MnNd8uB7w
— Preneet Kaur (@preneet_kaur) December 7, 2020
“गांव में खेती लाभदायक रोजगार नहीं रह गया है. फसलों के अलाभकारी दाम, क्रय केंद्रों की मनमानी, बिजली दरों में बढ़ोतरी,
आवारा पशुओं का आतंक आदि के कारण तमाम नौजवान पहले से ही खेती छोड़ने के लिए विवश होते जा रहे हैं. सरकार के तमाम दावों के बावजूद मनरेगा की दशा बहुत ही खराब है.”
इन सब खामियों के बाद सरकार ने 3 काले कानून लाकर अन्दाताओं को भी पंगु बनाना चाहती है. इसके अतिरिक्त रिहाई मंच के राजीव यादव, बिहार के चर्चित बहुजन बुद्धिजीवी डॉक्टर विलक्षण रविदास,
बहुजन एजेंट यूनियन के सनम रे आदि संगठनों ने भी किसान आंदोलन के साथ एकजुटता दिखाते हुए भारत बंद के तहत सड़कों पर उतरने की घोषणा किया है.