AGAZBHARAT

गोरखपुर जनपद में निषाद समुदाय को राजनीतिक चेतना देने तथा इन्हें समाज के विकास की मुख्य धारा से जोड़ने में अहम भूमिका निभाने वाले

निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वर्तमान विधान परिषद सदस्य डॉक्टर संजय निषाद ने इस समुदाय से जुड़ी जवलंत समस्याओं के निराकरण के लिए कठोर कदम उठाने के सदैव हिमायती रहे हैं.

ताजा मामला निषाद समुदाय के आरक्षण से जुड़ा है जिसके विषय में इन्होंने संतकबीरनगर के सांसद ई. प्रवीण कुमार निषाद के

साथ मिलकर विगत कई वर्षों से समाज का एक वकील बन कर समाज के सबसे जवलंतशील मुद्दे “निषाद आरक्षण” को भारत सरकार

और उत्तर प्रदेश सरकार के शीर्ष नेतृत्व को समझाने में सफल रहे हैं. भारत सरकार के मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जी, उत्तर प्रदेश के संगठन मंत्री सुनील बंसल जी,

तथा हमेशा हर जगह निषादों की पैरवी करने वाले उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह जी, उत्तर प्रदेश शासन के उच्च अधिकारी प्रिंसिपल सेक्रेटरी एसपी गोयल,

प्रमुख सचिव कार्मिक देवेश चतुर्वेदी जी, प्रमुख सचिव समाज कल्याण सहित पिछड़ा वर्ग आयोग, अनुसूचित जाति आयोग के सभी अधिकारियों को निर्देशित किया

कि मझवार आरक्षण जो संवैधानिक है निषाद, कश्यप, केवट, मल्लाह, बिंद आदि लोगों को “मझवार” के नाम से प्रमाण पत्र जारी होना चाहिए.

आज प्रदेश और देश के सभी सम्मानित मछुआ प्रतिनिधियों एवं निषाद समाज की एकजुटता को देखकर माननीय धर्मेंद्र प्रधान जी ने

एक और उपाधि के रूप में संबोधित किया “निषादों का अंबेडकर”. आज अगर उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी निषादों में चेतना जागृति आई है तो उसका बड़ा श्रेय माननीय डॉक्टर संजय निषाद जी को जाता है.

शायद इसी आशा और उम्मीद से इन्होंने यह अनुमान लगाया है कि विधान सभा चुनाव 2022 को देखते हुए अनेक राजनीतिक दल

जिस तरह से जातियों का धृवीकरण कर रहे हैं उसमें निषाद समाज बिना प्रभावित हुए न तो बटेगा, न कटेगा और न छंटेगा.

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here