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अंबेडकर जन मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रवण कुमार निराला ने ऐसे 10 सवालों का ढांचा तैयार किया है जिसके आधार पर उनका कहना है कि दलित, पिछड़े समाज के लोग

अभी तक जिस भी पार्टी के नेता को अपना बहुमूल्य वोट देते रहे हैं इस बार के लोकसभा चुनाव 2024 में जब वे आपके दरवाजे पर वोट मांगने के लिए आएं  तो उनसे जरूर पूछें.

इसके लिए निराला जी ने आगाह भी किया है कि ऐसे सवाल वही पूछेगा जिसका जमीर जिन्दा है, जिसका स्वाभिमान जिन्दा है, अन्ध भक्त और मुर्दों से कुछ नही कहूँगा.

पहला सवाल-शिक्षा महंगा करके सरकार जब हम गरीबों को शिक्षा से वंचित करने की साजिश कर रही है तब आपने सड़क पर उतर कर सबके लिए फ्री शिक्षा, समान शिक्षा, सबके लिए, इस मांग को लेकर जन आंदोलन क्यों नहीं किया?

दूसरा सवाल-आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी जमीन के अधिकार से दलित, पिछड़ा समाज, वंचित है. हमको जमीन का अधिकार यानी हर भूमिहीन, गरीब परिवार को एक एकड़ जमीन दिलाने के लिए आपने सड़क पर उतर कर जन आंदोलन क्यों नहीं किया?

तीसरा सवाल-दवा महंगी हो गई, गरीब चिकित्सा से वंचित हो रहा है तो आपने सबके लिए फ्री चिकित्सा, समान चिकित्सा के लिए आंदोलन क्यों नहीं किया?

आपके इन सवालों का जवाब देते हुए निकम्मे नेता यही जवाब देंगे कि हमारी सरकार बना दो हम सब कुछ सही कर देंगे.
तब उनसे कहना यह बताओ बाबा साहब डॉ अंबेडकर ने

हमको सब कुछ दिया, वह भी बिना सरकार बनाए. बाबा साहब तो खुद अपना चुनाव भी हार जाते थे अगर यही चुनाव जिताने का शर्त दलित, पिछड़े समाज के सामने

बाबा साहब कहते कि पहले हमें सांसद, विधायक, मंत्री, CM या PM बनाओ तब तुमको हम इस देश में शिक्षा या सम्मान से जीने का हक दिलाएंगे तो आज हम कहाँ होते?

बाबा साहब ने हमारे लिए संघर्ष किया, हमारी आवाज उठाया क्योंकि वह लायक और काबिल नेता थे और गरीबों, शोषितो, वंचितों के लिए एक-एक पल संघर्ष किये, आन्दोलन किये, आवाज उठाये..

आज के नेता काम नही बहाना करते हैं, रोना रोते हैं, संघर्ष से भागते हैं, आन्दोलन के लिए हिम्मत नही है, जन जरूरत के मुद्दों की समझ नही है, कुछ शार्ट कट मारके कामयाब होना चाहते हैं, तो कुछ जाति की दुहाई देकर सत्ता मे पहुँचना चाहते हैं.

जनता अगर नेता से सवाल पूछना शुरू कर देगी तो नेता सुधर जाएंगे, संघर्ष के लिए मजबूर हो जाएंगे, समाज का उत्थान होगा समाज को हक अधिकार मिल जाएगा.

आपके सवालों का जो नेता या किसी पार्टी का कार्यकर्ता जवाब ना दे और आपके लिए आंदोलन किया है इसका प्रमाण न दिखा पाए तो ऐसे नेता को या पार्टी के कार्यकर्ता को अपने दरवाजे से भगा दीजिएगा.

ऐसे निकम्मे लोगों को वोट देने से अच्छा है की हम किसी को भी वोट नहीं देंगे, वोट हम उसको देंगे जो हमारे हक के लिए, हमारे शिक्षा के लिए, हमारे जमीन के लिए,

हमारे चिकित्सा के लिए, सड़क पर उतरकर आंदोलन किया हो. याद रहे उन पर भरोसा नही करना जो यह कहे कि मुझको जिताईये आगे करूँगा, ऐसे लोगों को कहना कि जाओ पहले करो फिर आना तब वोट देंगे.

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