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GORAKHPUR: जाने माने समाजसेवी, पर्यावरणविद् तथा पूर्वांचल के गांधी के रूप में पहचान रखने वाले डॉ संपूर्णानंद मल्ल ने भूतल परिवहन मंत्री को

पत्र लिखकर अवगत कराते हुए कहा है कि हमें केवल संविधान चाहिए ना अधिक और ना कम.  निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स तत्काल समाप्त करें

अथवा प्रत्येक टोल अपडेट पर दोनों तरफ एक-एक टोल लेन फ्री कर दें. भारवाही ट्रकों पर 500 से 900 रुपए टोल प्रति ट्रक टोल टैक्स

का लिया जाना एक तरह की खुली और बेशर्म लूट है. इसे ₹1 प्रति किलोमीटर कर दें ताकि महंगाई मर जाए.

निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स लगाना देश में कहीं भी आने-जाने की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार (19d) की हत्या है.

यह कैसा लोकतंत्र है? जिसमें आप जबरदस्ती टैक्स का कोड़ा बजा रहे हैं और हम उसे सहने के लिए विवश हैं, यह ‘डेमोक्रेसी’, कॉन्स्टिट्यूशन’ की हत्या है.

यह कैसी समानता है? जिसमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित तीन दर्जन से अधिक VIP टोल टैक्स नहीं देते और हमारे गाड़ियों पर टोल टैक्स लिया जाता है.?

यह जुर्म है, अन्याय है, अपराध है क्योंकि 80% ऐसी गाड़ियां हैं जो लोन या बड़े मुश्किल से किसी ने खरीदी है. उसने उत्पाद शुल्क दिया’ वन टाइम रोड टैक्स दिया’

₹50 का डीजल, पेट्रोल ₹100 में आप बेच रहे हैं और जब रोड पर जाता है तो आपके गुंडे टोल टैक्स वसूलते हैं, लगता ही नहीं हम स्वतंत्र है और हमारा एक संविधान है.

इस जुर्म को तत्काल समाप्त करें या कम से कम प्रत्येक टोल पर दोनों तरफ एक-एक टोल लेन फ्री कर दें ताकि पैसे के अभाव में कोई भी कहीं आने-जाने की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार से वंचित न रह जाय.

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