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BY-THE FIRE TEAM


प्रदुषण का दुष्प्रभाव इस कदर हावी है कि इंसानों के अतिरिक्त अब देवताओं को भी मास्क पहनने की जरूरत आन पड़ी है. जी हाँ, आपने सही सुना है. अभी विगत पिछले दशक से

ऐसी समस्या खासकर मेट्रोपोलिटन शहरों में पनपी है कि लोग मास्क पहन करके घरों से अपने कार्यालय और रोजगार के लिए निकलना शुरू कर दिए हैं. आधुनिक मशीनी होड़ की सभ्यता ने

भले मनुष्य जीवन के दैनिक कार्यों को आसान किया है किन्तु नुकसान बहुत पहुँचाया है. दिवाली के बाद महज क्षणिक ख़ुशी के लिए इतने ज्यादा मात्रा में पटाखों को जलाया गया है कि पूरा उत्तर-भारत जहरीली गैसों की चपेट में आ चुका है.

आपको बताते चलें कि पराली जलाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को फटकार लगाते हुए राज्य सरकारों को कानून बनाने का निर्देश दिया है. दिनों-दिन हमारा पर्यावरण गैस चैम्बर बनता जा रहा है.

इसी क्रम में वाराणसी जो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है वहाँ के पुजारियों ने देवताओं को भी मास्क पहना दिया है. इस विषय में हरीश मिश्रा नाम के पुजारी ने बताया कि

 SHIV TEMPLE

“वाराणसी आस्था की नगरी है और हम लोग आस्थावान लोग हैं जो भगवान के इंसानी रूप को महसूस करते हैं इसीलिए गर्मी में भगवान की प्रतिमाओं को चंदन का लेप लगाते हैं

तथा सर्दी में कम्बल और स्वेटर तक पहना देते हैं और आज प्रदुषण के कारण ही इनको मास्क पहनाया जा रहा है.”

लोगों के द्वारा बेतहाशा पेड़ों की कटाई करने के कारण वाराणसी की आबो-हवा बहुत ही खराब हो गई है. चुंकि लोगों ने यह विषम परिस्थिति उत्पन्न किया है, ऐसे में अब उन्हें ही आगे आना होगा तभी स्थिति में सुधार होगा.

 

 

 

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