BY– भंवर मेघवंशी


अलवर गैंगरेप कांड :  घटनाक्रम

– पीड़ित दम्पत्ति के अनुसार वो लोग 26 अप्रेल 2019 को अपरान्ह 3 बजे बाद राजस्थान के अलवर जिले के थानागाजी इलाके के एक गांव से दूसरे गांव जाने के लिए अपनी मोटरसाइकिल पर निकले ,तभी निर्जन क्षेत्र में 2 मोटरसाइकिलों पर सवार हो कर आये 5 युवकों ने रुकवाया और पीड़िता व उसके पति को जबरदस्ती रेत के बड़े बड़े टीलों में ले जा कर मारपीट करने लगे।

-इन पांचों बदमाशों ने मिलकर पीड़ित दम्पत्ति के कपड़े उतरवा लिए,अश्लील तस्वीरें खींचीं और पीड़िता से उसके पति के सामने ही बारी बारी से दुष्कर्म किया,इस जघन्य अपराध का वीडियो बनाया और जाते जाते उसे वायरल करने और घटना के बारे में किसी को भी बताने पर जान से मार डालने की धमकी दी।

-अपने साथ हुए इस हादसे से पीड़ित दम्पत्ति स्तब्ध रह गए,उनकी हिम्मत जवाब दे गई,मानसिक व शारीरिक रूप से टूट चुके इस युगल ने हिम्मत बटोरी और वापस गांव की तरफ निकले,चुपचाप घर पहुंच कर युवक ने अपनी पत्नी को उसके पीहर छोड़ा और खुद अपने घर आ गया।

-इज्जत खराब होने के डर और अचानक हुए इस हादसे ने दोनों ही पीड़ितों को इतना तोड़ दिया कि वे न तो अपने परिजनों को अपनी पीड़ा बयां कर पाए और न ही पुलिस में जाने का हौंसला जुटा पाये।

– इस बीच गैंगरेप करने वाली गैंग की ओर से लड़के के मोबाइल पर कॉल आने लगे,जिसमें पैसे की डिमांड की गई और पैसा न देने पर दुबारा उसी जगह पर दोनों को बुलाया गया,वरना वीडियो वायरल करने और जान से मार डालने की धमकियां दी जाने लगी।

-बार बार की धमकियों व पैसे तथा अस्मत की मांग से आज़िज़ आ कर पीड़ित दम्पत्ति ने परिजनों को अपने साथ घटी घटना से अवगत कराया और पुलिस की मदद लेने के लिए थानागाजी पहुंचे।

-घटना के तीसरे दिन 29 अप्रेल 2019 को पीड़िता की ओर से थानागाजी पुलिस स्टेशन पर लिखित रिपोर्ट दी गई, जिसमें अपने साथ हुए सामूहिक बलात्कार,अश्लील वीडियोग्राफी व उसे वायरल करने की धमकियों की जानकारी थी। पुलिस ने इस रिपोर्ट को दर्ज करना तो दूर उस पर ध्यान देना भी उचित नहीं समझा।

-जब स्थानीय थाने में कोई सुनवाई नहीं हुई तो पीड़ित पक्ष ने अगले दिन 30 अप्रेल 2019 को अलवर एसपी के सामने व्यक्तिशः पेश हो कर एक रपट प्रस्तुत की ,उन्होंने एसपी को अवगत कराया कि अभी आपके दफ्तर में आने के बाद भी आरोपी समाजकंटकों के फोन आ रहे हैं,वे पैसा मांग रहे है,अस्मत मांग रहे है,नहीं तो वीडियो वायरल करने की धमकी दे रहे हैं।

-अलवर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने इस गंभीर घटना को भी सामान्य लिया और रूटीन में रिपोर्ट पर मार्क करके वापस थानागाजी पुलिस स्टेशन को भेज दिया।

-एसपी के निर्देश के बावजूद भी धारा थानाधिकारी ने इस रिपोर्ट को दर्ज नहीं किया,अगले दो दिन 1व 2 मई 2019 को मेडिकल के बहाने और चक्कर कटवाए।

-अन्ततः स्थानीय विधायक कांति मीणा के दखल के बाद 2 मई 2019 को दोपहर 2.30 बजे मुकदमा दर्ज किया गया,इस तरह गैंगरेप जैसी भयानक घटना का मुकदमा ही घटना के 7 दिन बीत जाने पर बड़ी मुश्किल से दर्ज किया गया।

-थानागाजी पुलिस स्टेशन में पीड़िता की ओर से नामजद अभियुक्तों के ख़िलाफ़ दर्ज इस मुकदमें में भारतीय दंड संहिता की धारा 147,149,323,341 व 354(ख) 376(डी)506 तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (नृशंसता निवारण)अधिनियम 2015 की धारा 3(2)(5) के तहत आरोप लगाए जा कर जांच जगमोहन शर्मा को सौंपी गई।

– पुलिस ने बड़ी मुश्किल से मामला भले ही दर्ज कर लिया,पर कार्यवाही के नाम पर कुछ भी नहीं किया,जबकि मामला सामुहिक दुष्कर्म जैसे भयंकर अपराध से जुड़ा हुआ था,पीड़िता बार बार घटना का वीडियो वायरल हो जाने का अंदेशा जता रही थी, मगर चुनाव का बहाना बना कर थानागाजी पुलिस तब तक हाथ पर हाथ धरे बैठी रही,जब तक कि अभियुक्तों ने वीडियो वायरल न कर दिया।

– 6 मई 2019 को राजस्थान में चुनाव का आखिरी चरण निपटा,अलवर में भी मतदान सम्पन्न हो गया,इसी के साथ उन समाजकंटकों ने पीड़ित पक्ष की इज़्ज़त को तार तार करते हुए उनका अश्लील वीडियो लोगों में आम कर दिया।

-7 मई 2019 के अखबार,न्यूज़ चैनल्स और वेबसाइट्स दलित विवाहिता के साथ पति को बंधक बना कर किये गए इस सामूहिक दुष्कर्म की खबर से भर गये। सदैव की भांति बाकी देश तो शांत ही रहा पर इंसानियत में यकीं करने वाले तमाम लोग और दलित बहुजन युवा सड़कों पर उतर आए,वे इस अन्याय को बर्दाश्त करने को तैयार न थे,उन्होंने आर पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया।


(जारी – वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता भंवर मेघवंशी)


 

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