मिली सूचना के मुताबिक दिल्ली के जहांगीरपुरी में बीते 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के दिन हुई हिंसा और उसके बाद
दिल्ली पुलिस की कार्यवाही को निशाने पर लेते हुए एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने गंभीर सवाल उठाए हैं.
इस संबंध में ओवैसी का कहना है कि- “हनुमान जी की शोभायात्रा में लोग तलवार, पिस्टल और लेकर शामिल हुए थे.
जहांगीरपुरी हिंसा मामले में उठाये गये 14 मुस्लिमों के परिजन थाने पर कर रहे थे प्रदर्शन तभी हिन्दू संगठनों ने लोगों ने उन्हें देखे जय श्री राम के नारे लगाने शुरू कर दिये,अब मज़बूर और बेबस मुस्लिम महिलाएं भी जवाब में अल्लाहु अकबर के नारे लगा रही है और ये सच्चाई है कि "अल्लाहु अकबर" pic.twitter.com/Yi8rCaS3lw
— Zakir Ali Tyagi (@ZakirAliTyagi) April 17, 2022
जब वे हथियार लहरा रहे थे तो पुलिस ने इन लोगों को इस तरह की शोभायात्रा निकालने की मंजूरी क्यों दी.?
क्या तलवार लेकर जुलूस निकालना कानूनी रूप से सही है.? पुलिस ने लोगों को क्यों नहीं रोका.?
अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ओवैसी ने सवाल किया कि शोभा यात्रा में हुई हिंसा के बाद एक समुदाय के लोगों को आरोपी बनाया जा रहा है,
जिसका सोशल मीडिया पर वीडियो मौजूद है जहां आप देख सकते हैं कि जहांगीरपुरी की एक मस्जिद में भगवा झंडा पड़ा मिला है.
अमित शाह का गृह मंत्री रहते हुए यह दिल्ली में चौथा दंगा है. जहांगीरपुरी हिंसा में दिल्ली पुलिस की ओर से मुख्य आरोपी बनाए गए
अंसार को लेकर ओवैसी ने कहा कि उसे मोहरा बनाया जा रहा है जबकि हिंदू पड़ोसी भी उसके पक्ष में गवाही दे रहे हैं.
इस बात को सिद्ध करने के लिए ओवैसी ने एनडीटीवी की रिपोर्ट का भी हवाला दिया जिसमें अंसार के हिंदू पड़ोसी उसे झगड़ा करवाने वाला नहीं बल्कि झगड़ा समझाने वाला व्यक्ति बता रहे हैं.
वैसे ओवैसी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी घेरे में लेते हुए कहा कि इस दंगे के लिए दिल्ली सरकार भी जिम्मेदार है.