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  • पुरानी पेंशन सहित सभी लंबित मांगे अगर पूरी नहीं हुई तो सड़क से सदन तक संघर्ष करेंगे कर्मचारी–रूपेश
  • सरकार की अनदेखी से कर्मचारियों में है भारी आक्रोश–अश्वनी

गोरखपुर: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर आज रानी लक्ष्मी बाई पार्क, नगर निगम में कर्मचारियों ने

अपनी लंबित मांगों को लेकर हुंकार भरी और सरकार को चेताया शीघ्र ही अगर हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो कर्मचारी बड़े आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के बैनर तले हो रहे इस धरने की अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्तव एवं संचालन मंत्री अश्वनी श्रीवास्तव व मदन मुरारी शुक्ल ने किया.

धरने को संबोधित करते हुए परिषद के अध्यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार के कार्य को धरातल पर उतारने वाला कर्मचारी आज सरकार की नजरों में महत्वहीन हो चुका है.

उसकी बात न तो अधिकारी सुनते हैं और ना ही सरकार. अपनी पूरी जवानी देश हित में खपा देने वाला कर्मचारी बुढ़ापे में पेशन का मोहताज है.

जबकि शपथ लेने वाले ‘माननीय’ पुरानी पेंशन के हकदार हो जाते हैं. सरकार के मंत्रीगण और अधिकारी हमें एनपीएस के फायदे गिनाते हैं, अगर यह एनपीएस इतनी ही फायदेमंद है तो सरकार इसे अपने लिए क्यों नहीं लागू करती है?

बहुप्रतीक्षित कैशलेस इलाज में भी तमाम प्रकार की कमियां हैं, एक ही डायलिजर से कर्मचारियों का 6 बार डायलिसिस किया जा रहा है जिससे कर्मचारी और उसका परिवार मौत के मुंह में जा रहा है.

सरकार इन कमियों को तत्काल सुधारे तथा पुरानी पेंशन, वेतन विसंगति, निलंबित भत्तों की बहाली सहित सभी लंबित मांगों को पूरा करें

अन्यथा अब कर्मचारी चुप बैठने वाला नहीं है वह सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष करने को तैयार है. मंत्री अश्वनी श्रीवास्तव ने कहा-

“यह सरकार पहले ही दिन से कर्मचारियों की अनदेखी कर रही है जिससे कर्मचारियों में सरकार के प्रति भारी आक्रोश देखने को मिल रहा.

कोरोना काल में जब सारे लोग अपनी जान बचाने के लिए अपने घरों में बैठे हुए थे तब कर्मचारी समाज सड़क पर उतर कर देश हित में लोगों के प्राणों की रक्षा कर रहा था.”

आज जब देश उस वैश्विक महामारी से उबर चुका है तो उसी कर्मचारी को अपने हितों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.

जहां गैर बीजेपी शासित राज्य में पुरानी पेंशन बहाल हो रही है, वह बीजेपी शासित राज्यो के मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर अपने मुंह पर ताला लगाए हुए हैं.

इसलिए कर्मचारी समाज बाध्य होकर बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहा है. उपाध्यक्ष मदन मुरारी शुक्ला ने कहा कि यह सरकार याचना नहीं सुनने वाली है इसलिए हमें रण के लिए तैयार रहना पड़ेगा.

उन्होंने कहा कि सरकार नियमित कर्मचारियों सहित संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की समस्या पर भी ध्यान दे.

आज नवीनीकरण न होने के कारण जिले के सैकड़ों संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारी दाने- दाने के लिए मोहताज हैं.

हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए भी नियमावली बनाए जिससे उनका स्वत: नवीनीकरण होता रहे.

इस अवसर पर रूपेश कुमार श्रीवास्तव, अश्वनी श्रीवास्तव, गोविंद जी मदन मुरारी शुक्ल, तारकेश्वर शाही, बंटी श्रीवास्तव, कृष्णमोहन गुप्ता,

विनिता, रागिनी सिंह, दमयंती, प्रियंका सिंह, रूकैया, अर्चना सिंह, प्रियंका अग्रहरी, विनीता कन्नौजिया, सुनील श्रीवास्तव बिट्टू,

संतराम, शाहिद अख्तर खान, अजय गुप्ता, राहुल चौरसिया,अंगद साहनी डा० एसके विश्वकर्मा आदि लोग उपस्थित रहे.

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