BY-THE FIRE TEAM
राजस्व विभाग की हिलाहवाली का शिकार वृद्ध महिला दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर ,  दस वर्षो से अपनी ही जमीन पर नहीं बना पा आ रही आशियाना वृद्ध  महिला ।  पांच बार की पैमाइश के बाद भी नहीं ले पा रहा निर्णय राजस्व विभाग , लखनऊ  सदर तहसील का मामला ।
 लखनऊ के गोमतीनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत  खरगापुर गांव मेँ सन 2007 मेँ खसरा संख्या 152 प्लाट संख्या 37ए का तीन हजार स्क्वायर फीट प्लाट  सत्तर वर्षीय वृद्धा गायत्री शाही ने अपनी गाढ़ी कमाई से तीन  बैनामा करा खारिज दाखिल कराया था ।
उक्त प्लाट पर निर्माण करा अपना आशियाना बनाना चाहा तो क्षेत्र का ही दबंग माफिया हेमंत कुमार सिंह ने अपने गुर्गो संग उक्त प्लाट को खसरा संख्या 155 विवाद उत्पन करते  हुए व उक्त प्लाट पर तोड़फोड़ कर तहसील सदर मेँ आपत्ति दाखिल कर दी ।
आपत्ति को संज्ञान मेँ लेते हुए  कब्जेदारी का विवाद मान  राजस्व विभाग ने प्रथम पैमाइश 6 अप्रैल 2018 को की गयी जिसमें खसरा संख्या 155 उक्त प्लाट से लगभग डेढ़ सौ मीटर दूर निकला ।
राजस्व विभाग की इस स्पष्टीकरण के बाद बुजुर्ग महिला ने अपनी जमीन पर निर्माण कराना चाहा तो उक्त व्यक्ति ने अपने रसूख के दम पर पुनः विवाद उत्पन कर निर्माण कार्य को बंद करा दिया.
और दोबारा पैमाइश की मांग करने लगे जिसके बाद राजस्व विभाग ने पुनः पैमाइश किया नतीजा वही आया जो प्रथम पैमाइश मेँ आया था इसके बाद भी वृद्ध महिला को अपने प्लाट पर निर्माण की अनुमति नहीं मिली ।
राजस्व विभाग के इस खेल मेँ दो बार फिर पैमाइश किया गया लेकिन वृद्ध महिला राजस्व विभाग के चक्कर काटती रही पर अपनी ही जमीन पर निर्माण नहीं करा सकी ।
उक्त दबंग ने कोर्ट का सहारा लिया। कोर्ट ने खसरा संख्या 155 की पैमाइश का निर्देश राजस्व विभाग को दिया । कोर्ट के आदेश पर जिलाधिकारी लखनऊ ने एडीएम प्रशासन को टीम गठित कर पैमाइश कराने का निर्देश दिया ।
जिलाधिकारी के निर्देश पर एडीएम प्रशासन ने एसडीएम सदर , नायब तहसीलदार व छः लेखपालों की टीम गठित कर खसरा संख्या 155 का गुरुवार को फिर से पैमाइश किया गया ।
जिसकी रिपोर्ट मेँ खसरा संख्या 155 उक्त प्लाट से काफी दूर पाया गया । इस रिपोर्ट के बाद बुजुर्ग महिला एसडीएम सदर तहसील और एडीएम प्रशासन के दफ्तर के चक्कर काट रही है लेकिन रिपोर्ट मेँ उसका प्लाट सुरक्षित होने के बाद भी प्रशासन बुजुर्ग महिला को टाल मटोल कर रही है और उसे अपने ही जमीन पर निर्माण की स्वीकृति नहीं दे रही है
। प्रशासन के इस रवैए से बुजुर्ग महिला काफी टूट चुकी है और यही सवाल उठा रही है कि क्या वह कभी अपना आशियाना बना पायेगी ?

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