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उत्तर प्रदेश में पुलिस एक तरफ ‘पुलिस मित्र’ का अभियान चला रही है तो वहीं दूसरी तरफ जब जनता आगे बढ़ कर इनका सहयोग कर रही है तो इसमें कई तरह के झोल देखने को मिल रहे हैं.

ताजा मामला गोरखपुर जिले के सहजनवाँ स्थित वार्ड नंबर 16 मोहल्ला केशोपुर सिनेमा हॉल के पीछे रात लगभग 1 बजकर, 45 मिनट पर सब्जी मंडी की दिवाल से

लगे हुए एक मकान में चोर चोरी कर रहे थे की अचानक ठक-ठक की आवाज सुनकर बगल के ही मकान में सो रहे जटाधारी सिंह जी की नींद खुल गई.

इन्होंने महसूस किया कि जब सामने वाले मकान में कोई भी व्यक्ति नहीं रहता, मकान में लगा होता है फिर यह आवाज कैसी है.?

उन्हें चोरी की आशंका हुई तो तुरंत शोर मचाना शुरू कर दिये जिसके कारण अगल-बगल लोग नींद से जग गये और चोरों को दौड़ाकर पकड़ लिया गया.

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हालाँकि मौके से दो चोर पकड़े गए और दो फरार हो गए. पकड़े गये चोरों ने बताया की हम चार थे और दो भाग गए हैं.

112 नंबर पर पुलिस को सूचित किया गया तो मौके पर पहुँची पुलिस ने चोरों को अपने कस्टडी में लेने से इनकार कर दिया और पब्लिक पर प्राइवेट वाहन से थाने पहुंचाने का दबाव बनाने लगी.

एक घंटे तक पब्लिक और पुलिस के बीच हंगामा होता रहा तथा पुलिस यह कहकर अपना अपना पल्ला झाड़ती रही कि चोरों को जब पब्लिक स्वयं थाने लेकर आयेगी तभी हम कस्टडी में लेंगे और इन पर कोई कार्यवाही करेंगे.

अंततः मोहल्ले के लोगों ने विवश होकर अपनी जान जोखिम में डालकर चोरों को टेम्पो से थाने पहुँचाया. अब पब्लिक कह रही है कि

चोर भागने के लिए कुछ भी कर सकते थे और लोगों को घयाल भी कर सकते थे. जब ‘एबी न्यूज़’ की टीम ने मौके पर पहुंचे हल्का दरोगा से पूछ-ताछ किया तो कानून प्रक्रिया का हवाला देते हुए पल्ला झाड़ लिया गया.

ऐसे में यह सोचने का विषय है कि अगर पुलिस इसी तरह से अपनी ड्यूटी निभायेगी तो आम पब्लिक का क्या होगा.?

क्या लोग अपने आप को सुरक्षित रख पायेंगे.? क्या लोग किसी गलत काम को अंजाम दे रहे किसी व्यक्ति को रोकने के लिए पुलिस को सूचना देंगे.?

या फिर लोग पुलिस की हरकत से डर कर अपनी आँखे मूद लेंगे. यदि दिन-ब-दिन पुलिस का यही रवैया रहा तो क्राइम बढ़ेगा, पब्लिक क्राइम करने वालों को ना तो रोकेगी ना ही इसकी सूचना पुलिस को देगी.

(दिलीप कुमार की रिपोर्ट)

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