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  • देशरत्न महान कर्मयोगी थे, व्यास नारायण उमराव

सलेमगढ़/ कुशीनगर: तमकुहीराज विधानसभा 331 क्षेत्र के अंतर्गत कल तहसील प्रांगण में 3 दिसंबर को अधिवक्ता संघ तमकुही की ओर से देश के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद का जन्म दिन मनाया गया.

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता बार संघ के अध्यक्ष एडवोकेट अशोक कुमार राय एवम संचालन अधिवक्ता विनोद पटेल ने किया.

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि क्षेत्रीय विधायक डॉ असीम कुमार राय ने राजेंद्र बाबू के चित्र पर फूलमाला, दीप प्रज्ज्वलित करके किया.

इसके पूर्व मुख्य अतिथि ने तहसील परिसर में राजेंद्र बाबू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इस अवसर पर अनेक अधिवक्तागण उपस्थित रहे.

तहसील सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उप जिलाधिकारी तमकुही राज, भाजपा के वरिष्ठ नेता जयंत कुमार सिंह, सहित सभी वरिष्ठ अधिवक्तागण ने राजेंद्र बाबू के चित्र पर पुष्प अर्पित किए.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि तमकुही क्षेत्र के विधायक डॉ असीम कुमार राय ने कहा कि-राजेंद्र बाबू के जीवन से प्रेरणा लेकर सेवा भाव से जनता के कल्याण के लिए हम सभी लोगों को काम करते रहना चाहिए.

उन्होंने अधिवक्ता संघ से अपेक्षा किया कि वे जनकल्याण के लिए एक आदर्श कायम कर त्वरित न्याय दिलाने के लिए भी प्रतिज्ञाबद्ध होंगे.

राजेंद्र बाबू स्वतंत्रता आंदोलन के अग्रिम पंक्ति के सेनानी थे. उन्होंने देश सेवा के लिए अपनी प्रैक्टिस गांधी जी के अपील पर छोड़ी,

उनका जीवन अनुकरणीय है, जीवन पर्यंत देश की चिंता की. संविधान निर्मात्री सभा के अध्यक्ष के रूप में उनका अतुलनीय योगदान भुलाया नहीं जा सकता.

उप जिलाधिकारी तमकुही ने अपने संबोधन में देश के प्रथम राष्ट्रपति को अपनी वक्तृता में कहा कि उन्होंने देश की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया.

वे एक आदर्श अधिवक्ता, महान् राजनीतिक और स्वतंत्रता सेनानी तथा देश के प्रथम राष्ट्रपति पद को सुशोभित करने वाले महान् कर्मयोगी थे. उनका जीवन हम सभी लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत है.

इस सभा को संबोधित करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता एवम भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश महामंत्री जयंत कुमार सिंह ने कहा कि

“उनका बचपन तमकुही में कुछ समय तक व्यतीत होने की सूचना राजेंद्र बाबू की आत्मकथा से मिलती है. तब उनके दादाजी उन दिनों तमकुही राज में दीवान के पद पर नियुक्त थे.

इन्होंने देशरत्न के अनेक संस्मरण सुनाते हुए बताया कि राजेंद्र बाबू जब कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक मुकदमे की बहस कर रहे थे.”

उस समय न्यायमूर्ति आशुतोष मुखर्जी आपके विद्वतापूर्ण बहस को सुनकर काफी प्रभावित हुए. श्री मुखर्जी जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के पिता थे.

उन्होंने अपने विधि महाविद्यालय में पढ़ाने के लिए प्रस्ताव किया और प्रैक्टिस के साथ ही उन्होंने लॉ कॉलेज ज्वाइन कर लिया, राजेंद्र बाबू बहुत प्रतिभाशाली थे.”

इस कार्यक्रम को अनेक अधिवक्तागणों ने संबोधित किया और राजेंद्र बाबू के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला जिसमें रामेश्वर गुप्ता, एडवोकेट आदि के नाम उल्लेखनीय है.

इस अवसर पर अनिल राय, नसरुद्दीन साहब एडवोकेट, वरिष्ठ अधिवक्ता एच एन सिंह, रजनीश राय एडवोकेट, योगेंद्र यादव एडवोकेट आदि अनेक अधिवक्ता उपस्थित रहे.

कार्यक्रम के संयोजक अशोक कुमार राय एडवोकेट ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए अधिवक्ता दिवस के अवसर पर उपस्थित सभी को अधिवक्ता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी.

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