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5 मई को रिलीज हुई फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ शुरू से ही विवादों में घिरी हुई है. यहां तक कि कई राज्यों में इस फिल्म के प्रदर्शन पर प्रतिबंध भी लगा दिया गया है.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सरकार ने भी बंगाल में इस फिल्म को बैन कर दिया है. इस विषय में ममता का कहना है कि

“नफरत और हिंसा की किसी भी घटना से बचने तथा राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है.”

वहीं तमिलनाडु सरकार ने भी इस फिल्म को लेकर सख्त कदम उठाया है. बताते चलें कि फिल्म में केरल राज्य के हालात के विषय में दिखाया गया है

तथा यह दावा भी किया जा रहा है कि फिल्म में दिखाई गई घटनाएं सच्चाई पर आधारित हैं. इसके अतिरिक्त इस फिल्म में समुदाय विशेष

के विरुद्ध आपत्तिजनक दृश्य भी प्रदर्शित किए गए हैं जिसकी वजह से केरल की राजनीतिक पार्टियां लगातार इसके विरुद्ध मोर्चा खोले हुए हैं.

वहीं झारखंड में भी सत्ता पक्ष तथा विपक्ष फिल्म की वजह से आमने-सामने हैं. कांग्रेसी विधायक इरफान अंसारी ने फिल्म को लेकर अपना रोष व्यक्त किया है.

इनका कहना है कि जो हत्यारे हैं, समाज से नकारे हुए लोग हैं, वहीं केरल स्टोरी मूवी देखने जाएंगे. मोहब्बत करने वाली कभी इस मूवी को नहीं देखेंगे.

बाबूलाल मरांडी पर निशाना साधते हुए कांग्रेसी विधायक ने कहा है कि यदि हिंसा वाली फिल्म दिखाकर आप सरकार बना लेंगे तो आपको पहले से ही मुबारक हो.

किसी भी हालत में हम झारखंड में इस फिल्म को नहीं लगने देंगे. अगर सिनेमाघरों में यह फिल्म चली तो तोड़फोड़ होगा.

वहीं भाजपा सांसद संजय सेठ ने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर फिल्म को टैक्स फ्री करने की मांग किया है.

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