BYTHE FIRE TEAM

गुजरात में एक घटना को लेकर क्षेत्रवाद ने ऐसा रूप लिया कि उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के जीवन पर ही संकट मंडराने लगा है।

गुजरात पुलिस ने कहा है कि उन्होंने गुजरात के पांच ज़िलों से कम से कम 180 लोगों को गिरफ़्तार किया है जिन पर दूसरे प्रदेश से आए लोगों पर हमला करने के आरोप हैं.

इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक इन हमलों में जिन लोगों को निशाना बनाया गया है उनमें उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग प्रमुख हैं. अखबार लिखता है कि इन हमलों के डर की वजह से यूपी और बिहार के बहुत से लोग गुजरात से बाहर जाने लगे हैं.

ख़बर के मुताबिक दरअसल यह पूरा मामला बलात्कार से जुड़े एक अभियुक्त के बिहार से होने के बाद शुरू हुआ. पिछले हफ्ते साबरकांठा ज़िले में एक 14 महीने की बच्ची के साथ बलात्कार की घटना सामने आई, इस घटना में बिहार के रहने वाले रविंद्र साहू को अभियुक्त बनाया गया.

इसके बाद गुज़रात के पांच ज़िलों गांधीनगर, अहमदाबाद, पाटन, साबरकांठा और मेहसाणा में प्रदर्शन होने लगे और यूपी और बिहार के लोगों को निशाना बनाया जाने लगा।

यह कोई पहली बार नहीं हुआ है जिसमें क्षेत्रीयता को लेकर लोगों पर हमला हुआ हो। इसके पहले भी कई राज्यों में इस प्रकार की घटनाएं देखने को मिलती रही हैं। खासकर दक्षिण भारत के राज्यों में।

मुम्बई में तो अक्सर यूपी और बिहार के लोगों को परेशान किया जाता है। यहाँ तक कि देश की राजधानी दिल्ली में भी भेदभाव देखने को मिल ही जाता है। जबकि दिल्ली में बिहार के लोगों की अच्छी खासी संख्या है।

इस प्रकार घटनाएं कहीं न कहीं हमें यह सोचने पर मजबूर कर देती हैं कि भले हमने सविंधान की प्रस्तावना में 42वें सविंधान संशोधन से अखंडता शब्द जोड़ दिया हो परंतु देश के लोग अभी भी क्षेत्रीयता को ही तवज्जो दे रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here