मिली जानकारी के मुताबिक हिंदी सिनेमा में अपने अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लेने वाले दिलीप कुमार लंबे समय से बीमार चल रहे थे.
उनका इलाज मुंबई के हिंदुजा हॉस्पिटल में डाक्टर पार्कर के द्वारा किया जा रहा था, जिन्होंने इनकी मौत की पुष्टि किया है. इनकी मौत की खबर सुनकर बॉलीवुड सहित देश में शोक की लहर दौड़ गई.
दिलीप साहब की फ़िल्में उन्हें दर्शकों के बीच सदैव जिन्दा रखेंगी
— AGAZ BHARAT NEWS (@agaz_news) July 8, 2021
आपको यहां बता दें कि इनके निधन पर उनकी पत्नी सायरा बानो सहित फ़िल्मी दुनिया की अनेक हस्तियों ने ट्विटर के माध्यम से शोक संवेदना व्यक्त किया है.
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11 दिसंबर, 1922 में वर्तमान पाकिस्तान के पेशावर में जन्म लेने वाले दिलीप कुमार 1944 में फिल्म ‘ज्वार भाटा’ से अपने कैरियर की शुरूआत किया था.
उनकी यादगार फिल्मों की लिस्ट में शहीद, मेला, बाबुल, फुटपाथ, देवदास, मुग़ल-ए-आज़म, गंगा जमुना, कर्मा जैसी फ़िल्में शामिल हैं.
दिलीप कुमार अंतिम बार 1998 में रिलीज होने वाली फिल्म ‘किला’ में नजर आए थे. इनकी अभिनय क्षमता की वजह से भारत सरकार ने इन्हें पद्म विभूषण तथा पद्मभूषण सम्मान से सम्मानित किया था.
इसके अतिरिक्त भारतीय हिंदी सिनेमा का सर्वश्रेष्ठ फिल्म पुरस्कार ‘दादा साहब फाल्के अवार्ड’ से भी इन्हें नवाजा गया था.
दिलीप कुमार से जुड़े हुए कुछ अनछुए तथ्य:
दिलीप कुमार का असली नाम मोहम्मद यूसुफ खान था. इन्होंने अभिनेत्री देविका रानी के कहने पर अपना नाम दिलीप कुमार रखा ताकि फिल्म इंडस्ट्री में इन्हें आसानी से एंट्री मिल सके.
अपनी जिंदगी की शुरुआत में इन्होंने फल विक्रेता के रूप में भी कार्य किया, उसके बाद कुछ समय के लिए ब्रिटिश आर्मी के कैंटीन में असिस्टेंट की नौकरी भी किया. 1947 में आई फिल्म जुगनू इनकी पहली हिट फिल्म रही.